नई दिल्ली. पाकिस्तान के बाद अब अफगानिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर चीनी नागरिकों पर हुए हमले में एक की मौत हो गई है और 5 अन्य घायल हो गए हैं. इस क्षेत्र में किसी चीनी नागरिक के मारे जाने की पहली घटना है. इस घटना के बाद चीन ने अफगानिस्तान को लेकर कड़ा बयान जारी किया है.
अफगानिस्तान से चीन की बढ़ती दोस्ती के बीच पहली बार अफगानिस्तान-कजाकिस्तान सीमा पर चीनी नागरिकों पर हमला हुआ है. इस हमले में एक चीनी नागरिक की मौत हुई है और पांच अन्य घायल हो गए हैं. अफगानिस्तान में चीन के विशेष दूत ने वहां मौजूद 20 आतंकवादी संगठनों को लेकर चिंता जताई है. चीन ने इस वारदात के बाद चिंता जाहिर की है और कहा है कि यह हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा है. यह पहली बार है जब क्षेत्र में किसी चीनी नागरिक की मौत हुई है.
चीन-अफगान की चल रही डील
चीन धीरे-धीरे अफगानिस्तान को अपनी गिरफ्त में लेने की साजिश रच रहा है. इसके तहत चीन ने अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद गैस, तेल, लिथियम, तांबा और लौह अयस्क के लिए अफगानिस्तान के साथ अरबों डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही चीन ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच में यातायात को लेकर भी कई कदम उठाने जा रहा है. इस तमाम घटनाक्रम के बीच अचानक पहली बार अफगानिस्तान से जुड़ी कजाकिस्तान सीमा के अंदर चीनी नागरिकों के एक समूह पर हथियारों से लैस एक दल ने हमला बोल दिया, जिसमें एक चीनी नागरिक की मौत हो गई जबकि पांच अन्य घायल हो गए.
अफगानिस्तान से आए हमलावर
यह घटना अफगानिस्तान की सीमा से लगे दक्षिणपूर्वी शम्सिद्दीन शोहिन जिले में हुई. आरोप है कि यह हमला अफगानिस्तान से सीमा पार कर आए हथियारबंद लोगों ने किया है. यह स्पष्ट नहीं है कि हमलावर अपराधी थे या संभवतः मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे या किसी आतंकवादी समूह के सदस्य थे. सभी घायलों को शमसीद्दीन शोहिन जिले के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कथित तौर पर चीनी नागरिक जारबुजी इलाके में एक सोने की खदान में काम कर रहे थे.
चीनी नागरिकों को खतरा
इस हमले के बाद अफगानिस्तान के लिए चीन के विशेष दूत यू शियाओयोंग ने अफगानिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक कड़ा बयान जारी किया है. इस बयान में चीन ने अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों से सुरक्षा खतरों की चेतावनी दी. अफगानिस्तान के लिए चीन के विशेष दूत ने कहा कि अफगानिस्तान में 20 से अधिक आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं. इन आतंकवादी संगठनों से चीन समेत स्थानीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा हो सकता है. इस हमले के बाद माना जा रहा है कि तजाकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान तीन ऐसे देश हैं जहां चीनियों को आईएसआईएस, तालिबान समर्थक टीटीपी और अन्य स्थानीय आतंकवादी संगठनों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 13:54 IST