छात्रसंघ चुनाव न होने पर गुस्से में छात्र, क्या बोले डीएवी कॉलेज के स्टूडेंट?

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छात्रसंघ चुनाव न होने पर डीएवी कॉलेज के स्टूडेंट्स ने गेट पर तालाबंदी की.

Public Opinion: चुनाव की तैयारी करने वाले सौरभ पोखरियाल ने कहा कि वह कई सालों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस बा ...अधिक पढ़ें

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देहरादून. उत्तराखंड के महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव न होने पर देहरादून, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल समेत कई जिलों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज में आक्रोशित छात्रों ने प्राचार्य को बंधक बना लिया. वहीं उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में भी छात्र-छात्राओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है. देहरादून की सड़कों और दीवारों पर पोस्टर-होर्डिंग लगाकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे छात्रों और उनके समर्थकों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. छात्रों ने डीएवी कॉलेज के गेट पर ताला जड़ दिया और धरना प्रदर्शन करने लगे. उन्होंने चेतावनी दी कि छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए गए, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे.

डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र नेता मयंक रावत ने लोकल 18 से कहा कि शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने अपने क्षेत्र में तो छात्र चुनाव आयोजित करवा दिए लेकिन अन्य जगह नहीं करवाए. क्या वह राज्य के मंत्री नहीं हैं. वहीं चुनाव की तैयारी करने वाले सौरभ पोखरियाल ने कहा कि वह कई सालों से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस बार चुनाव न होने पर उनके लिए संकट खड़ा होगा क्योंकि उनकी उम्र निकल जाएगी. नीलेश शर्मा ने कहा कि राजनीतिक करियर की पहली सीढ़ी कॉलेज के चुनाव ही होते हैं और सरकार इन्हें आयोजित नहीं कर रही है. गोविंद रावत ने कहा कि बड़े नेता इसलिए चुनाव करवाना नहीं चाहते हैं क्योंकि वे मानते हैं कि हमारे ही परिवार के लोग राजनीति में जाएं, सामान्य परिवार के युवा आगे न आएं.

छात्र नेता ही करते हैं छात्रों की समस्या का समाधान
छात्रा सानिया ने कहा कि कॉलेज में छात्रों की किसी भी समस्या का समाधान छात्र नेता ही निकालते हैं, इसलिए कॉलेज में चुनाव होने जरूरी हैं. ऋषभ मल्होत्रा ने कहा कि शिक्षा मंत्री खुद ही नहीं चाहते थे कि चुनाव हों, इसीलिए ही उन्होंने 30 सितंबर की तारीख तक चुनाव करवाने की बात की थी जबकि 25 अक्टूबर तक तो एडमिशन ही होते रहे हैं, फिर एडमिशन से पहले ही कैसे चुनाव हो सकते हैं. इस तरह राजधानी देहरादून में महीनों से तैयारी कर रहे छात्रों का गुस्सा फूटता नजर आ रहा है.

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि 23 अप्रैल 2024 को राज्य सरकार ने शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था, जिसके तहत 30 सितंबर 2024 तक छात्रसंघ चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था. हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने भी 25 अक्टूबर को चुनाव करवाने का वादा किया था, इसके बावजूद अक्टूबर का महीना खत्म होने को है लेकिन चुनाव नहीं हो पाए हैं. देहरादून के समाजसेवी महिपाल सिंह ने शासन और प्रशासन द्वारा लिंगदोह समिति की सिफारिश के उल्लंघन का हवाला देते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. इस पर गुरुवार को उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अब चुनाव की समय सीमा नहीं रही है. ऐसे में चुनाव नहीं हो सकते हैं. जिसके बाद जगह-जगह छात्र चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

Tags: Dehradun news, Local18, Public Opinion, Uttarakhand news

FIRST PUBLISHED :

October 27, 2024, 01:21 IST

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