जेल.
सागर. जेल के अंदर सजा काट रहे जिन कैदियों ने बाहर रहते जीवन में कभी पेंसिल भी नहीं पकड़ी थी, अब वही कैदी चार-चार घंटे पाठशाला में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं और शिक्षा के महत्व को समझ रहे हैं. जेल के अंदर पढ़ाई करने वाले ऐसे कैदी हैं जो या तो पूरी तरह से निरक्षर है या फिर बहुत कम पढ़े लिखे हैं. साथ ही जिन लोगों की पढ़ाई अपराध की वजह से बीच में छूट गई थी, उनके लिए हायर एजुकेशन की व्यवस्था भी है. सागर सेंट्रल जेल में कई कैदी BA, B.com, MA, M.com से लेकर MBA तक की पढ़ाई भोज और इग्नू के माध्यम से कर रहे हैं.
बता दें कि जो कैदी थोड़े अच्छे पढ़े लिखे होते हैं, उनके लिए ही बाकी के कैदियों को साक्षर करने की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है. वे उन्हें 12 खड़ी, एबीसीडी, पहाड़ा से लेकर नाम लिखना तक सिखा देते हैं. पाठशाला से लगातार अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. जिसकी वजह से इनकी संख्या भी बढ़ती जा रही है.
350 बंदी अक्षर ज्ञान ले रहे
सागर सेंट्रल जेल में साक्षरता क्लास में 350 बंदी फिलहाल अक्षर ज्ञान ले रहे हैं, हायर एजुकेशन लेने वाले बंदी भी शामिल हैं. जानकारों की माने तो जेल में स्टडी के दौरान यह पाया गया है कि जो लोग निरक्षर है या कम पढ़े लिखे हैं. वह आपराधिक की दुनिया में ज्यादा लिप्त होते हैं, इसलिए उनको साक्षरता से जोड़ने के लिए इस तरह के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं.
ऐसे ही 302 के मामले में सजा काट रहे प्रवीण बताते हैं कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई कर ली थी लेकिन अपराध की वजह से वह जेल आ गए. उनकी पढ़ाई में रुकावट आई लेकिन पिछले साल जब यहां पर केंद्र शुरू हुआ तो एडमिशन ले ली. इस साल MBA में दूसरा साल है. सजा पूरी होने के बाद जब बाहर निकलूंगा तो खुद का बिजनेस करूंगा. एक और बंदी किशोर ने बताया कि उन्होंने 12th तक पढ़ाई की है. जेल प्रबंधन ने उन्हें टीचिंग का काम दिया है. रोज क्लास में आने वाले लोगों को बाराखडी एबीसीडी पढ़ा रहे हैं और नाम लिखना भी सिखा दिया है.
सागर सेंट्रल जेल में इग्नू द्वारा संचालित कोर्स में 36 लोग BA, आठ लोग बीकॉम कर रहे और 20 लोग BAG का कोर्स कर रहे हैं. भोज मुक्त विश्वविद्यालय से तीन BA, दो बीकॉम, 2 BJMC, एक BBA 3 2 MBA, 3 MSW, एक डीआरएमएसबी कर रहा है. वहीं कक्षा 1 से चौथी तक के 65 विद्यार्थी, हिंदी राष्ट्रभाषा वर्धा के 31 विद्यार्थी हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 12:34 IST