कश्मीर में सर्दियों का सबसे कठोर समय माना जाने वाला 40 दिवसीय 'चिल्लई कलां' समाप्त हो चुका है। गुरुवार के दिन यहां मौसम साफ रहा और धूप निकली रही। दिन के अंत में बादल छाए रहने से लंबे समय तक सूखे के बाद कुछ वर्षा की उम्मीद जगी है। 21 दिसंबर से शुरू होने वाला चिल्लई कलां ऐसा समय होता है, जब बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाता है। इस बार न्यूनतम तापमान में गिरावट आई और पारा शून्य से 8.5 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया, जिससे 50 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया। हालांकि, इस अवधि के दौरान बर्फबारी नहीं हुई और जनवरी में बहुत कम वर्षा हुई।
कड़ाके की ठंड के बीच दिन सामान्य से अधिक गर्म रहे। जनवरी के दूसरे भाग में अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से सात डिग्री ज्यादा रहा। बुधवार को उत्तरी कश्मीर के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई, जबकि गुरुवार शाम को घाटी के बाकी हिस्सों में आसमान बादल छा गए, जिससे रात में बर्फबारी या बारिश की उम्मीद जगी। चिल्लई कलां के बाद 20 दिन का 'चिल्लई खुर्द (छोटी सर्दी)' और 10 दिन का 'चिल्लई बच्चा (बच्चा सर्दी)' होगा।
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम
मौसम विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से 1.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में रात का तापमान शून्य से 5.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि स्की रिसॉर्ट शहर गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से 7.6 डिग्री नीचे रहा। दक्षिण कश्मीर के राजमार्ग शहर काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। कोकेरनाग में रात का तापमान शून्य से 2.5 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा शहर में न्यूनतम तापमान शून्य से 2.2 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। (इनपुट- पीटीआई)