जिंदा रहने के लिए अपने ही साथियों के हाथ-पैर खा गए लोग, पाताल लोक का डरावना सच

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Agency:News18Hindi

Last Updated:January 30, 2025, 12:00 IST

South Africa Gold Mine: दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदानों में भूख और अवैध खनन ने इंसानियत को झकझोर दिया. भूख से बचने के लिए खनिक नरभक्षी बनने को मजबूर हुए. पुलिस ने खनिकों को बाहर निकालने के लिए खाने-पीने की आपू...और पढ़ें

जिंदा रहने के लिए अपने ही साथियों के हाथ-पैर खा गए लोग, पाताल लोक का डरावना सच

दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदानों के खिलाफ पुलिस का एक्शन चल रहा है. (AP/Reuters)

स्पेन का विजेता हर्नान कोर्तेस 16वीं सदी में जब मैक्सिको पहुंचा तो उसकी नजर एज्टेक लोगों के सोने पर पड़ी. एज्टेक लोग सोने को इतना मूल्यवान नहीं मानते थे, जितना यूरोप के लोग. एज्टेक लोगों को हैरानी होती थी कि जिस सोने को न खाया जा सकता है, न पहना जा सकता है उसे लेकर स्पेनी इतने पागल क्यों हैं? कोर्टेस ने एज्टेक लोगों को एक झूठी कहानी बताई कि उसे और उसके साथियों को दिल की बीमारी है, जिसे सिर्फ सोने से ठीक किया जा सकता है. लेकिन आज के समय में भी सोने को लेकर ‘दिल की बीमारी’ खत्म नहीं हुई है. हाल तो ये हो गया कि दक्षिण अफ्रीका में इंसान ही इंसान को खाने लगे.

दक्षिण अफ्रीका में सोने की चाहत में तस्करों ने जमीन के एक किमी नीचे पूरा शहर बसा लिया था. इन्हें बाहर निकालने के लिए पुलिस ने खाने-पीने की सप्लाई रोक दी. द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक खदान से निकले दो लोगों ने बताया कि भूख से बचने के लिए लोग अपने साथी खनिकों के शरीर के अंगों को खा रहे हैं. एक बचे हुए खनिक ने कहा, ‘लोगों ने जिंदा रहने के लिए अपने साथियों के पैर, हाथ और पसलियों के टुकड़े खाए. हमारे पास बस यही एकमात्र विकल्प बचा था.’ हालांकि इस शख्स ने दावा किया कि वह नरभक्षी नहीं बने, लेकिन भूख से बचने के लिए उन्होंने कॉकरोच तक खाया.

सोने की खदान. (Reuters)

हुक्का-पानी किया बंद
पिछले सप्ताह बचावकर्मियों ने दक्षिण अफ्रीका की सबसे गहरी खदानों में से एक में से 78 शवों और 246 जिंदा बचे लोगों को बाहर निकाला. पुलिस और अवैध खनिकों के बीच लंबे समय से संघर्ष चल रहा है. खनिक बंद पड़ी सोने की खदानों में घुसकर बचे हुए सोने को निकालने का खतरनाक काम करते हैं. अगस्त में पुलिस ने उत्तर पश्चिम प्रांत की बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन से सैकड़ों अवैध खनिकों को बाहर निकालने के लिए खाने-पीने की आपूर्ति रोक दी. गोल्ड के लिए अवैध खनन आम बात है. इसके पीछे ज्यादातर संगठित और क्रूर क्रिमिनल गैंग्स हैं. पुलिस का कहना था कि खदान हथियारबंद अपराधियों के कारण खतरनाक है, जिस कारण अंदर नहीं जा सकते. यही कारण है कि उन्होंने लोगों को भूखा रखकर बाहर निकालने की कोशिश की.

खदानों से रेसक्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. (AP)

पुलिस पर लगा नरसंहार का आरोप
स्थानीय लोगों और यूनियनों ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में खनिक फंसे हुए हैं या इतने कमजोर हो चुके हैं कि वे बाहर नहीं निकल सकते, जिसके बाद अदालत के आदेश पर अधिकारियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रेसक्यू के दौरान खदान से शवों को निकालने का लंबा सिलसिला चला. इसके अलावा बेहद कमजोर हो चुके खनिकों की तस्वीरें आईं, जिस कारण लोग पुलिस पर नरसंहार का आरोप लगा रहे हैं. सरकार के सहयोगी दल और ट्रेड यूनियनों ने इस घटना के जांच की मांग की है. पुलिस पर दबाव तब और भी ज्यादा बढ़ गया जब हाल ही में उन्होंने माना कि अवैध खनिकों का एक प्रमुख सरगना जेम्स नियो त्शोएली भ्रष्ट अधिकारियों की मदद से पुलिस हिरासत से फरार हो गया. अब तक 1300 से ज्यादा खनिक खदान से बाहर आ चुके हैं.

सोने की बंद पड़ी खदान में पहुंची पुलिस. (Reuters)

खाली पड़ी हैं खदानें
दक्षिण अफ्रीका के खनन मंत्री ग्वेडे मंटाशे ने कहा, ‘अगर लोग एक खतरनाक जगह जाते हैं और तीन महीनों तक भूखे रहकर खुद को मार डालते हैं तो यह सरकार की जिम्मेदारी कैसे हो सकती है?’ दक्षिण अफ्रीका की जमीन सोना, प्लैटिनम, मैंगनीज और अन्य धातुओं से भरी है. देश में 6000 खदानें हैं, जो अब खाली पड़ी हैं, क्योंकि उनकी क्षमता के बराबर का सोना निकाल लिया गया है. देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है, जिस कारण यहां के लोग इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल होते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दो खनिकों ने कहा कि जुलाई 2024 में वह एक ऐसी ही खनन क्षेत्र में घुसे थे. यहां रस्सी के सहारे लोगों और भोजन को गहराई तक पहुंचाया जाता था. वहां खाना-पानी, शराब और दवाइयां प्रचुर मात्रा में होती थीं.

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

January 30, 2025, 11:59 IST

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