जीरो टिलेज से करें गेहूं की बुवाई, कम लागत में मिलेगी बेहतर उपज

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इसका बीज कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर में 53 रुपये प्रति किलो उपलब्ध है. 

गया. खेतों में लगे खरीफ फसल धान की हार्वेस्टिंग हो रही है और किसान रबी फसल की बुवाई की तैयारी में जुटे हुए हैं. दक्षिण बिहार के गया जिले में रबी फसल के रुप में ज्यादातर किसान गेंहू की खेती करते हैं. बिहार के ज्यादातर जिले में नवंबर के पहले सप्ताह से ही गेंहू की बुवाई शुरु हो जाती है. वैसे गेंहू की खेती करने की सोच रहे किसान 30 नवंबर तक बुवाई कर बेहतर उत्पादन कर सकते हैं. बता दें कि गेंहू की फसल 130-140 दिनों का होता है और इसमें पटवन की भी जरुरत होती है. इसलिए, इसकी खेती में पटवन की सुविधा होना अनिवार्य है.

जीरो टिलेज मशीन से करें गेहूं की बुवाई

इस बार गया जिले के किसान रबी फसल गेंहू में किस प्रजाति और प्रभेद का गेंहू लगाएं और उत्पादन बढ़िया हो तो, इस विषय पर गया के मानपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डाॅ. मनोज कुमार राय लोकल 18 से जानकारी साझा की. गया जिले में गेंहू एक प्रमुख फसल है और मुख्य रूप से इसकी बुवाई 15 से 30 नवंबर तक होती है, जिससे उत्पादन बढिया होता है. समय के प्रभेद के अनुसार HD-2967, DBW-187 करण बंदना प्रभेद गया के किसानों के लिए उपयुक्त प्रभेद है. यह प्रभेद 135 से 140 दिन का है और इसका उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40-45 क्विंटल है. किसान अगर जीरो टिलेज मशीन से गेंहू की बुवाई करते हैं तो बेहतर उत्पादन के साथ कम लागत आएगी. इसका बीज कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर में 53 रुपये प्रति किलो उपलब्ध है.

ये है गेहूं की बेस्ट वैरायटी

गेहूं की समय से बुवाई लिए उन्नत प्रजाति HD-2967, DBW-187, DBW-222, HD-3086, HD- 3226, DBW-252 है. वहीं समय से से बुवाई के लिए सबौर समृद्धि, HI 1563 तथा देर से बुआई के लिए सबौर श्रेष्ठ एवं असिंचित अवस्था के लिए सबौर निर्जल की बुवाई कर सकते हैं. गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 30 दिन बाद सल्फोसल्फ्यूरॉन और मेटसल्फ्यूरॉन (टोटल) 16 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं.

ऐसे करें डीएपी और यूरिया का छिड़काव 

चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार में मकोए या भांग की अधिकता हो तब क्लोडिनाफाप (160 ग्राम प्रति एकड़  और कार्पेन्ट्रोजोन (20 ग्राम/एकड़) की दर से 120 से 150 लीटर पानी में घोल बनाकर बुआई के 30 दिन बाद छिड़काव करें. गेहूं की फसल में बुवाई के समय 50 किग्रा. डीएपी एवं पहली सिंचाई के बाद प्रति एकड़ 56 किग्रा. यूरिया का प्रयोग करें. गेहूं की अधिक पैदावार के लिए दूसरी सिंचाई के बाद 56 किग्रा. प्रति एकड़ यूरिया का प्रयोग करें.

ऐसे करें खरपतवार का नियंत्रण

गेहूं की अधिक पैदावार व बेहतर आकार के स्वस्थ दानों के लिए दाना भरते समय सिंचाई जरूर करें. गेहूं में सही तरह से खरपतवार नियंत्रण के खरपतवारनाशी छिड़काव के लिए फ्लैटफैन नाजिल व बूम नाजिल का प्रयोग करें. जिंक की कमी के लक्षण दिखाई पड़ने पर चीलेटेड ज़िंक 12% EDTA का 200 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें.

Tags: Agriculture, Bihar News, Gaya news, Local18, Wheat crop

FIRST PUBLISHED :

November 19, 2024, 11:17 IST

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