जेल में रामकथा सुनने पर कैदियों के निकल रहे आंसू,कहा अयोध्या जैसा हो रहा अनुभव

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केंद्रीय जेल सतना में रामकथा का भक्तिमय आयोजन

शिवांक द्विवेदी , सतना : सतना केंद्रीय जेल इन दिनों भक्ति के रंग में रंगा हुआ है. 18 नवंबर से 26 नवंबर तक जगतगुरु रामानंदाचार्य श्री रामलालाचार्य महाराज के मार्गदर्शन में आयोजित रामकथा ने जेल के माहौल को पूरी तरह बदल दिया है. दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक जेल परिसर भजन-कीर्तन से गूंज उठता है. 1750 बंदी भक्ति के माध्यम से अपनी पीड़ा भूलकर नई ऊर्जा और उत्साह का अनुभव कर रहे हैं.

परिवार और जेलकर्मियों ने भी लिया भाग
लोकल 18 की टीम ने जेल का दौरा किया, जहां बंदियों के परिवार और स्टाफ को भी रामकथा का आनंद उठाते हुए पाया. आयोजन के पांचवें दिन राम-जानकी विवाह उत्सव हुआ, जिसमें सभी ने एक साथ मिल कर आरती में भाग लिया. यह आयोजन न केवल बंदियों बल्कि उनके परिजनों और जेल कर्मचारियों के लिए भी एक भावनात्मक अनुभव बन गया.

महिला बंदियों का विशेष योगदान
जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने लोकल 18 को बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बंदियों के भीतर सकारात्मकता और आध्यात्मिकता का संचार करना है. सहायक जेल अधीक्षक फ़िरोज़ा खातून ने जानकारी दी कि जेल में मौजूद 72 महिला बंदियों और एक बच्चे ने भी रामकथा में भाग लिया और इसका आनंद उठाया.

आध्यात्मिक जागृति का माध्यम बनी रामकथा
जगतगुरु श्री रामलालाचार्य महाराज ने लोकल 18 से कहा कि रामकथा बंदियों के जीवन में आध्यात्मिक बदलाव लाने का एक प्रयास है. इससे पहले भी भगवत गीता पाठ जैसे आयोजन जेल में हो चुके हैं, जिनसे कई बंदियों ने बुराई छोड़ने का संकल्प लिया था. उन्होंने कहा की रामकथा के दौरान बंदियों का उत्साह और भक्ति देखने लायक है. कई बार बंदी भावुक होकर नाचते-गाते हैं और कभी कभी भाव विभोर होने पर उनकी आंखों से आंसू भी बहते हैं.

कैदियों के अनुभव
बंदी विजय सिंह ने लोकल 18 से कहा, रामकथा के आयोजन से जेल का माहौल पूरी तरह बदल गया है. यह अब केंद्रीय जेल नहीं, बल्कि अयोध्या और मिथिला जैसा लगता है”. वहीं कई बंदियों ने रामकथा से प्रतीत हो कर अपने जीवन को सुधार और बुराई का त्याग करने का संकल्प लिया है .

Tags: Central Jail, Satna news

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 09:39 IST

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