ग्रेटर नोएडा: जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा. लेकिन इसके पास जमीनों के आवंटन में बड़ा खेल सामने आया है. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा शुरू की गई इस योजना में लोगों ने नियमों का गलत फायदा उठाकर अजीबो-गरीब तरीके से जमीनें हासिल करने का दावा किया गया है. जांच में खुलासा हुआ है कि कई मामलों में पति-पत्नी ने अलग-अलग आवेदन कर अलग-अलग जमीनें हासिल कीं हैं, और तलाक का सहारा लेकर योजना का गलत इस्तेमाल किया.
एक ही परिवार के कई सदस्यों ने कराया जमीन आवंटन
अब तक की जांच में 47 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें एक ही परिवार के कई लोगों ने औद्योगिक जमीनों का आवंटन कराया है. इनमें से 32 जमीनें 10 परिवारों के सदस्यों के बीच बंटी हुई हैं, जिनमें पति-पत्नी, पिता-पुत्र जैसे रिश्तेदार शामिल हैं. ये सभी जमीनें MSME योजना के तहत आवंटित की गई थीं, जहां छोटे औद्योगिक जमीनों का लॉटरी के जरिए वितरण किया गया था. इन जमीनों का आकार 450 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर तक है, और यह यमुना सिटी के सेक्टर 29 और सेक्टर 33 के पास स्थित हैं.
तलाक का सहारा लेकर पति-पत्नी ने कराया आवंटन
जांच में यह भी सामने आया कि कम से कम 8 मामलों में पति-पत्नी ने जमीनें हासिल करने के लिए तलाक का सहारा लिया. जांच में ये पाया गया कि कुछ मामलों में एक ही परिवार के कई सदस्यों ने अलग-अलग आवेदन देकर प्लॉट हासिल किए हैं, जिससे इस घोटाले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. यह संख्या अभी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि प्राधिकरण की जांच तेजी से जारी है.
CEO ने दिए सख्त जांच के आदेश
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अरुण वीर सिंह ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त जांच के आदेश दिए हैं. अब तक की जांच में एक व्यक्ति ने अपना आवंटित प्लॉट सरेंडर कर दिया है, जिससे यह संकेत मिलते हैं कि लोगों को अपनी गलती का एहसास हो रहा है. प्राधिकरण की जांच जारी है और संभावना है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि इन मामलों में दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे और आवंटित प्लॉट्स की समीक्षा की जाएगी.
यमुना विकास प्राधिकरण पर सवाल
यह घोटाला यमुना विकास प्राधिकरण पर भी सवाल खड़े करता है. जब लॉटरी ड्रा के माध्यम से इन जमीनों का आवंटन किया गया था, तब प्राधिकरण ने इस तरह की जांच क्यों नहीं की? फिलहाल, प्राधिकरण का दावा है कि जांच चल रही है और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाएगी. अब यह देखना होगा कि प्राधिकरण दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है, कितना जुर्माना लगाया जाता है, और भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों से बचने के लिए योजना में क्या बदलाव किए जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 14:56 IST