कुलदीप छंगाणी / जैसलमेर: भारत सरकार द्वारा प्रायोजित और राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड, जयपुर के आदेशों के पालन में जैसलमेर जिले का चयन उत्कर्ष मिशन के लिए किया गया है. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य जिले में कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना है, जिससे पशुओं की नस्ल में सुधार और दूध उत्पादन की क्षमता में वृद्धि हो सके, साथ ही पशुपालकों की आय में भी वृद्धि हो.
प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन
उत्कर्ष मिशन के अंतर्गत पशु मित्र और पशुमैत्री के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. संयुक्त निदेशक, डॉ. सुरेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि स्थानीय संयुक्त निदेशक कार्यालय के प्रशिक्षण हॉल में दो दिन की कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में पशु मित्र और पशुमैत्री को आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार, पशुपालकों की आय को दो गुना करने के लिए यह मिशन महत्वपूर्ण साबित होगा.
नस्ल सुधार पर जोर
डॉ. तंवर ने बताया कि इस मिशन से गायों की नस्ल में सुधार होगा और दूध उत्पादन की क्षमता बढ़ेगी. उन्होंने पशु मित्र और पशु मैत्री को समझाया कि वे विषम परिस्थितियों वाले जिले में नस्ल सुधार का महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं. अपने 25 वर्षों के अनुभव को साझा करते हुए, उन्होंने विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की.
तकनीकी जानकारी का महत्व
उत्कर्ष मिशन के नोडल प्रभारी, डॉ. उमेश वरगटिवार ने कहा कि जिले के विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र और पिछले वर्ष की कृत्रिम गर्भाधान की न्यूनतम प्रगति को देखते हुए, भारत और राज्य सरकार ने जिले का चयन किया है. प्रशिक्षण उपरांत, पशु मित्र और पशु मैत्री को गांव आवंटित किए जाएंगे, जहां वे कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देंगे.
इस प्रशिक्षण में डॉ. प्रसन्ना पाण्डे और डॉ. अंकित पाण्डे ने राजस्थान पशुधन एप की जानकारी दी. इस एप के माध्यम से सभी कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे, और समस्त जानकारी एप में भरने पर ही कार्य का सत्यापन किया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 12:57 IST