शाश्वत सिंह : झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बच्चा (SNCU) वार्ड में 17 नवंबर की रात को हुई आगजनी की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. हर किसी ने पीड़ितों, तीमारदारों, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं समेत डिप्टी सीएम की बात सुनी और दुनिया तक पहुंचाई. लेकिन जिन लोगों ने वार्ड में भर्ती बच्चों को बचाने का काम किया उनसे लोकल 18 ने बात की. आइए जानते हैं इन बहादुर जांबाजों के बारे में.
डॉक्टरों ने दिखाई जांबाज़ी
पीडियाट्रिक विभाग के जूनियर डॉक्टरों ने उस रात जांबाजी दिखाते हुए अधिक से अधिक बच्चों को बचाया. अपनी जान को जोख़िम में डालकर इन सभी डॉक्टरों ने बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला. जुडा के अध्यक्ष डॉ. नीरज ने लोकल 18 को बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही सभी जूनियर डॉक्टर वार्ड के पास पहुंच गए. वार्ड में प्रवेश करने के बाद डॉ. हिमांशु मौके पर पहुंचे. बच्चों को बचाने में खुद उनकी तबीयत खराब हो गई. सीने में धुंआ भर जाने की वजह से उन्हें ऑक्सिजन सपोर्ट पर रखा गया.
डॉक्टर बने देवदूत
एक अन्य डॉक्टर ने बताया कि 40 से अधिक बच्चों को निकालने में कई डॉक्टर खुद भी बीमार हो गए. 24 घंटे लगातार डॉक्टर ने काम किया. पीडियाट्रिक विभाग के सभी डॉक्टर लगातार काम करते रहे. उल्लेखनीय है कि अधिकतर बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है. जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि सभी अभिलेखों की जांच कर मिलान किया गया है. कई लोगों को कॉलिंग भी कराई. कुल 49 बच्चे घटना के समय वार्ड में भर्ती थे. इसमें से 38 बच्चे सेफ हैं. साथ मृतक बच्चों के शव को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. तीन की शिनाख्त जारी है. 1 बच्चे के बारे में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. अधिकतर बच्चों में जलने के कोई निशान नहीं हैं. 3 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं. उनका इलाज जारी है. अन्य सभी बच्चों की स्थिति सामान्य है. जिन बच्चों के माता-पिता नहीं मिल पा रहे थे, उन्हें भी खोज लिया गया है.
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 06:47 IST