मां रथाही मंदिर
ओम प्रकाश निरंजन / कोडरमा: मंदिरों में आमतौर पर आपने पुरुष पुजारी को पूजा कराते हुए देखा होगा. कोडरमा जिले के जयनगर प्रखंड में स्थित वर्षों पुराने मंदिर में शुरुआत से ही पूजा की जिम्मेदारी महिला निभा रही है. मंदिर की प्रसिद्धि कोडरमा जिले के साथ झारखंड-बिहार तक फैली हुई है. ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. मनोकामना पूर्ण होने के बाद भक्त नारियल चढ़ाते हैं. कई लोग अपनी मन्नत के अनुसार बकरे की बलि भी देते हैं.
जयनगर प्रखंड के डंडाडीह पावर हाउस के सामने स्थित मां रथाही मंदिर की महिला पुजारी मालती देवी ने कहा कि मंदिर का इतिहास करीब 81 साल पुराना है. पहले उनकी मामा सास मुनिया देवी पूजा कराती थी. इसके बाद से इस परंपरा का निर्वहन उनके द्वारा किया जा रहा है. वैसे तो यहां पूरे साल भक्तों का तांता लगा रहता है. प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार और त्योहार के दिनों में दूर-दराज से लोग पूजा करने पहुंचते हैं.
मंदिर में माता की कोई प्रतिमा नहीं
यहां भक्तों की भारी भीड़ भी जुटती है. यहां किसी भी मन्नत को लेकर लोग महिला पुजारी से ही गछवाते हैं. यहां सिर्फ कार्तिक व सावन में बली नहीं पड़ती है. मंदिर में खास बात यह भी है कि मंदिर में माता की कोई प्रतिमा नहीं है. पूजा की वेदी पर लोग चुनरी और प्रसाद चढ़ा कर एवं दीप प्रज्वलित कर पूजा करते हैं.
हैजा मुक्त हुआ था गांव
मंदिर में पूजा करने पहुंचे डंडाडीह निवासी सोनू गुप्ता ने बताया कि मंदिर और माता के प्रति आस्था ऐसी है कि गांव का कोई भी शुभ काम मां रथाही की आज्ञा से शुरू होता है. गांव के बुजुर्गों सुरेंद्र मोदी ने बताया कि करीब 81 साल पहले वर्ष 1943 में गांव में हैजा महमारी का प्रकोप आ गया था. जहां पूरे गांव के लोग हैजा की चपेट में थे. इस दौरान कई लोगों की जान भी चली गई थी. हैजा महामारी की रोकथाम के लिए बड़े-बड़े चिकित्सक पहुंचे परंतु महामारी में सुधार नहीं हुआ. जिसके बाद में पंडितों और विद्वानों ने गांव पहुंचकर महिला भगीया जो भगतीन के रूप में जानी जाती थी. उसके साथ रथ लेकर पूरे गांव का भ्रमण कर मां रथाही को स्थापित किया. गांव में फैला हैजा महमारी से राहत मिला. इसके बाद से यहां भगतीन भगिया के द्वारा नियमित पूजा की शुरुआत की गई. उनके निधन के बाद उनकी पुत्री मुनिया देवी ने पूजा पाठ की जिम्मेदारी का निर्माण किया. अब मालती देवी और कुंती देवी के द्वारा महिला पुजारी के रूप में यहां पूजा कराया जा रहा है.
चोरी हुई गाड़ी के पार्ट्स बरामद होने की मन्नत लेकर पहुंचे
मंदिर में अपनी मनोकामना को लेकर पहुंचे तरवन गांव निवासी अनिल यादव ने बताया कि मां रथाही सभी की मनोकामना पूरी करती हैं. जयनगर ब्लॉक परिसर में रखे उनके एक जेसीबी वाहन का बॉकेट चोरी हो गया है. जिसकी उन्होंने काफी खोजबीन किया. वह अपने वाहन के चोरी हुए पार्ट्स के सही सलामत बरामद होने की मन्नत लेकर यहां पहुंचे हैं. माता पर उनकी अपार आस्था है आज तक यहां सभी की मन्नत पूरी हुई है.
हर विपत्ति को दूर करती हैं मां रथाही
मंदिर पूजा करने पहुंची खुशबू देवी ने बताया कि इस मंदिर में लोग संतान सुख प्राप्ति, रोग बीमारियों से निजात पाने एवं व्यापार में उन्नति की मनोकामना लेकर भी पहुंचते हैं. यहां लोग अपने छोटे-बड़े वाहनों की पूजा भी कराते हैं. मां रथाही की पूजा अर्चना करने पर हर विपत्ति दूर हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 13:55 IST