बोकारो: दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई के कारण आज देशभर में दहेज उत्पीड़न की घटनाएं आम हो गई हैं. ऐसे समय में बोकारो के कसमार प्रखंड के सिंहपुर निवासी लोक नृत्य कलाकार विनोद कुमार महतो ने सराहनीय कदम उठाया है. वर्ष 2022 में युवा बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से सम्मानित विनोद ने 26 नवंबर 2024 को रामगढ़ जिले के चैनगड़ा निवासी चंद्रदीप महतो की पुत्री डिंपल कुमारी से बिना दहेज लिए शादी कर समाज में उम्दा मिसाल पेश की.
समाज को जागरूक करने का प्रयास
लोकल 18 से हुई खास बातचीत में विनोद ने बताया कि वह खुद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. दहेज प्रथा को समाज के लिए “कैंसर स्वरूप रोग” मानते हैं. उनका मानना है कि दहेज एक ऐसा बोझ है, जो लड़की के माता-पिता को लंबे समय तक उठाना पड़ता है. इसकी वजह से कई परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो जाते हैं. विनोद ने युवाओं से अपील की कि वे दहेज जैसी कुप्रथा को नकारें और इसके बजाय लड़की की परवरिश और शिक्षा पर ध्यान दें. इससे न केवल समाज आगे बढ़ेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा.
मां-पिता से मिली प्रेरणा
विनोद ने आगे बताया, उन्हें दहेज मुक्त शादी की प्रेरणा उनके पिता नेपाल महतो और मां मालती देवी से मिली, जिन्होंने हमेशा उन्हें सही कामों के लिए पूरा समर्थन दिया तभी वह अपने विचारों को अमल में ला सके और समाज को जागरूक कर सके.
युवाओं के लिए संदेश
वहीं युवाओं के लिए विनोद ने संदेश दिया कि दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए. तभी समाज असल मायने में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रगति कर पाएगा.