झारखंड में इंडिया ब्लॉक और हेमंत सोरेन के शानदार प्रदर्शन की पांच वजहें

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India Block and Hemant Soren fantabulous performance: झारखंड विधानसभा चुनाव में कुल 81 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था. शनिवार सुबह मतगणना शुरू होने के बाद इंडिया ब्लॉक (I.N.D.I.A Alliance) लगातार शानदार प्रदर्शन कर रहा है. इस रुझान को देखते हुए यही लग रहा है कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार बरकरार रहेगी. दोपहर 12 बजे तक के रुझानों को देखें तो इंडिया ब्लॉक के खाते में लगभग 50 सीटें जाती दिख रही हैं. जबकि सरकार बनाने के लिए 42 सीटों की जरूरत होगी. वहीं, बीजेपी की अगुआई वाला एनडीए 30 सीटों के आसपास सिमटता नजर आ रहा है. 

झारखंड चुनावों में इंडिया ब्लॉक के शानदार प्रदर्शन के पीछे कई रणनीतिक और परिस्थितिजन्य कारण हैं. इंडिया ब्लॉक ने न केवल स्थानीय मुद्दों पर फोकस किया बल्कि क्षेत्रीय दलों की एकता और बीजेपी की रणनीतिक कमजोरियां ने भी उसके अच्छे प्रदर्शन में योगदान दिया. इस प्रदर्शन ने झारखंड में इंडिया ब्लॉक को नई ताकत दी है.  यहां जानिए क्या हैं वो पांच मुख्य वजहें…

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जेएमएम और कांग्रेस की एकजुटता
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) राज्य के मतदाताओं पर अपनी मजबूत पकड़ रखती है. जेएमएम की अपने राज्य में वही पकड़ है, जो ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां अपने यहां रखती हैं. उसे झारखंड में कांग्रेस पार्टी का साथ मिला हुआ है. कांग्रेस इन दिनों भले ही कमजोर नजर आ रही है, लेकिन वो अखिल भारतीय स्तर की पार्टी है जो लोगों के जेहन में बसी हुई है. जेएमएम और कांग्रेस के अलावा इंडिया ब्लॉक में शामिल अन्य पार्टियां भी अपने वोटर को एकजुट करने में कामयाब रहीं. इंडिया ब्लॉक के राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर बने सामंजस्य ने वोट को बाहर जाने से रोका. यही उसकी जीत की वजह भी बना. 

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आदिवासियों के मुद्दों पर फोकस
झारखंड में लगभग एक तिहाई सीटों पर आदिवासी और ग्रामीण वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इंडिया ब्लॉक ने लगातार आदिवासियों और ग्रामीणों की समस्याओं पर बात की और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया. इंडिया ब्लॉक ने वनाधिकार, जमीन की सुरक्षा और आदिवासी अधिकारों जैसे मुद्दों पर लगातार उनको भरोसा दिलाया. आदिवासी समुदाय ने भी खुलकर उनका समर्थन किया. बीजेपी ने इन मुद्दों पर आदिवासी मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की, लेकिन लोगों ने इंडिया ब्लॉक को ज्यादा भरोसेमंद माना. इसमें आदिवासियों के लिए सरना कोड लागू किए जाने का वादा भी शामिल था. यह इस बार की चुनावी बहस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ था. इस मामले में कांग्रेस और जेएमएम आदिवासी मतदाताओं को समझाने में सफल रहे.  सरना धर्म कोड का मतलब है कि आदिवासी अपने लिए एक अलग धर्म के तौर पर पहचान चाहते हैं.

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हेमंत सोरेन का बढ़ा कद
ईडी की कार्रवाई के बाद जब हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा तो बतौर नेता उनका कद और बड़ा हो गया. इसे उनके खिलाफ केंद्र की बदले की कार्रवाई के तौर पर देखा गया. उनकी लोकप्रियता और मजबूत नेता की छवि ने इंडिया ब्लॉक को बहुत फायदा पहुंचाया. परिवार में हुई बगावत का भी लाभ हेमंत सोरेन को मिला. यह बात बीजेपी के खिलाफ गई कि उसने किसी भी तरह सत्ता पाने के लिए मुख्यमंत्री को जेल भेजा और परिवार में तोड़फोड़ की. भाई चंपाई सोरेन और सीता सोरेन ने जब पार्टी बदल ली तो सारी सहानुभूति हेमंत को मिली. बीजेपी मौजूदा मुख्यमंत्री की घेराबंदी करने में असफल रही. हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम चलाए. इन सरकारी योजनाओं ने मतदाताओं को प्रभावित किया.

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रणनीति बनाने में बीजेपी फेल
बीजेपी वैसे तो चुनाव लड़ने में अव्वल पार्टी मानी जाती है. 2014 के बाद से उसके संगठन को चुनाव लड़ने की मशीनरी ही बोला जाने लगा है. लेकिन झारखंड में बीजेपी की चुनावी रणनीति में स्पष्टता और मजबूती की कमी नजर आई. बीजेपी को ऐन वक्त तक सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों का चयन न कर पाने में असमंजस ने भी नुकसान पहुंचाया. इसके अलावा बीजेपी की एक कमजोरी यह भी रही कि वो स्थानीय मुद्दों पर फोकस नहीं कर पाई. इसीलिए मतदाताओं के साथ उसका जुड़ाव भी कमजोर रहा.

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कारगर रही इंडिया ब्लॉक की रणनीति
इंडिया ब्लॉक ने सीटों का संतुलित बंटवारा कर वोटों के बंटवारे को रोकने का काम किया. यही वो क्षेत्र था जिसमें उसकी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी कमजोर साबित हुई. उन्होंने सामूहिक रैलियां कीं और प्रचार अभियानों में गठबंधन की अपनी एकता को दिखाने का काम किया. उन्होंने इसके जरिये मतदाताओं को अपने भरोसे में लेने का काम किया. साथ ही इंडिया ब्लॉक ने बीजेपी के खिलाफ नैरेटिव खड़ा किया कि ये पार्टी लोकतंत्र और संविधान को कुचलने का काम कर रही है. इंडिया ब्लॉक प्रभावी ढंग से लोकतंत्र और संविधान की रक्षा जैसा भावनात्मक मुद्दा उठाने में सफल रही.

Tags: Congress, Hemant soren, Jharkhand predetermination 2024, Jharkhand mukti morcha

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 13:30 IST

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