पक्षी
भागलपुर. ठंड पड़ते ही विदेशी मेहमानों का आगमन शुरू हो गया है. ऐसे में भागलपुर के कई ऐसे अस्थाई झील है जहां पर इनका आना शुरू हो जाता है. लेकिन भागलपुर में एक नया अस्थाई झील उभरकर सामने आया है, जहां पर विदेशी पक्षी कलरव करते दिख रहे हैं. आपको बता दें कि यहां पर बड़ी तादात में पक्षियों को कलरव करते देखा गया है. यह पर्यटकों के लिए एक अच्छा स्पॉट हो सकता है.
आपको बता भागलपुर में पहले एक झील हुआ करता थी जहां पर विदेशी मेहमानों का आगमन हुआ करता था और वह थी जगतपुर झील. लेकिन अब जगतपुर झील धीरे-धीरे खत्म होता चला गया और वहां से विदेशी मेहमानों का बसेरा बदलते चले गया. हालांकि अभी भी वहां पर पक्षी देखने को मिलती है लेकिन जो तादाद होती थी पक्षियों की वह संख्या धीरे-धीरे खत्म होती चली गई. अब कम संख्या में पक्षी वहां पर प्रवास करते हैं. अब धीरे-धीरे पक्षी बाईपास की तरफ आना शुरू कर दिए. आपको बता दें कि बाईपास के समीप पक्षियों का नया ठिकाना बन गया है और वहां पर सैकड़ों की संख्या में पक्षी कलरव करते नजर आते हैं, हालांकि अस्थाई झील है उसके बाद फिर इसका ठिकाना बदल जाएगा.
कहां से आती है पक्षी
जब इसको लेकर पक्षी के जानकार गौरव सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दरअसल भागलपुर पर्यावरण की दृष्टिकोण से काफी अच्छा माना जाता है. यहां की आबोहवा विदेशी पक्षियों को खूब भाती है और इसको पर्याप्त मात्रा में यहां पर भोजन भी मिल जाता है. इसका कारण है कि गंगा के किनारे बसे शहर में तालाब और झील का होना.
पक्षी, कीट, पतंग और मछलियों को खाना अधिक पसंद करते हैं, जो उन्हें झील या तालाबों में मिल जाती है. ऐसे में यहां पर एशियाई फ्लाईवेज को फॉलो कर पक्षी यहां पहुंचते हैं. आपको बता दें कि यहां रूस, मंगोलिया समेत कई ठंडे प्रदेशों की पक्षियों का यहां आगमन होना शुरू हो जाता है, जिसके बाद सैलानी यहां पर आकर पक्षियों का लुफ्त उठाते हैं और उसकी तस्वीर अपने कमरे में कैद करते हैं. यहां पर कई ऐसे दुर्लभ प्रजाति की पक्षी देखी गई है जो बिहार की किसी भी झील में नहीं पहुंचती है.
10 एकड़ में फैला है यह अस्थाई झील
उन्होंने बताया कि यह एक बाढ़ग्रस्त इलाका है और बाढ़ आने के बाद यहां पर कई निचले इलाकों में पानी फंस जाता है और उसी में यह झील उभर कर आया है. इसके बाद यहां पर विदेशी पक्षी कलरव करते देखे गए. इसमें कई तरह के पक्षी देखे गए, जिसमें गढ़वाल (बत्तख की प्रजाति है) सनपाईपर, ग्रीन सेंक, गोटविट्ट समेत कई तरह की पक्षी देखने को मिली है. यह हजारों मील दूर से सफर कर यहां पहुंचती है. वहां जब ठंड बढ़ती है तो पक्षी का यहां आगमन शुरू हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:04 IST