पशु डेयरी
गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दीनदयाल शोध संस्थान में किसान भाइयों को डेयरी खोलने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है. खास बात ये है कि इस काम के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लगता है. यहां पर बताया जाता है कि गोंडा के वातावरण के लिए कौन से नस्ल की गाय का पालन करें, किन बातों का ध्यान रखें ताकि दूध भी बढ़िया हो और पशु स्वस्थ रहें.
कहां जाना होगा
लोकल 18 से बातचीत के दौरान पशुपालन वैज्ञानिक डॉ अभिषेक मिश्रा बताते हैं कि हमारे यहां डेयरी के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है. अगर किसी किसान भाई को डेयरी का काम शुरू करना है तो गोपाल ग्राम के दीनदयाल शोध संस्थान पर आकर संपर्क करें. यहां अपना आधार कार्ड और मोबाइल नंबर दर्ज कराए. फिर आपको बताया जाएगा की आप आपका प्रशिक्षण कब से होगा.
गोंडा के वातावरण के लिए कौन सी गाय है सही
इस वातावरण में साहीवाल नस्ल की गाय ठीक मानी जाती है क्योंकि इनको बीमारियां कम होती हैं और भारतीय दुधारू नस्ल की गाय में साहीवाल का दूध भी बढ़िया होता है. इसीलिए गोंडा के वातावरण में साहिवाल गाय अच्छे से सरवाइव कर रही हैं. साहिवाल के साथ-साथ गोंडा के किसान भाई गिर नस्ल के गाय को भी पाल सकते हैं. इसके अलावा थाई पार्कर नस्ल की गाय भी रख सकते हैं.
पशुपालन के लिए क्या है सुविधा
दीनदयाल शोध संस्थान में पशुपालन के लिए निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है. अगर किसी किसान भाई को डेयरी, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन वगैरह के बारे में जानकारी चाहिए तो वो भी यहां से ली जा सकती है. इसके अलावा यहां हरा चारा उगाने के टिप्स भी दिए जाते हैं जिसे पशु खाते हैं और स्वस्थ रहते हैं साथ ही दूध भी ज्यादा देते हैं.
इसे कहते हैं नेपियर
नेपियर (हरा चारा) पशुओं के लिए बहुत ही लाभदायक हरा चारा होता है और ये गन्ने जैसा होता है. नेपियर को एक बार लगाने के बाद 6 से 7 साल तक आप इसका प्रयोग कर सकते हैं. केवल देखभाल अच्छे से करते रहें, इसकी बुवाई गन्ने जैसे की जाती है. पशुओं के स्वस्थ रहने और ठीक से दूध देने के लिए संतुलित आहार बहुत ही आवश्यक होता है. ये हरा चारा उसी का काम करता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 10:52 IST