हमीरपुर. तिरुपति के बाला मंदिर के प्रसाद के सैंपल फेल हो गए थे. इस पर खासा बवाल हुआ था. अब हिमाचल प्रदेश में उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ दियोटसिद्ध के बाबा बालक नाथ मंदिर के प्रसाद के सैंपल भी फेल हो गए हैं. प्रसाद के तौर पर दिए जाने वाले रोटों के सैंपल कंडाघाट लेब में फेल पाए गए हैं. लैब की रिपोर्ट के अनुसार, रोट (प्रसाद) खाने लायक नहीं है.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दयोटसिद्ध में बाबा बालक नाथ जी का मंदिर है. यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की ओर से मंदिर में रोट चढ़ाए जाते हैं और फिर बाद में पुजारी इन्हें प्रसाद के तौर पर लोगों में बांट देते हैं. रोट का ये सैंपल देवाशिष्ठित की कैंटीन से लिया गया था.
जानकारी के अनुसार, बीते अक्टूबर महीने में फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम ने मंदिर के आसपास कैंटीन और विभिन्न दुकानों से सैंपल भरे थे. माना जाता है कि आमतौर में रोट एक महीने तक खराब नहीं होता है. यह रोट आटा, मैदा, डाल्डा घी या रिफाइंड, चीनी और गुड़ इत्यादि से बनाया जाता है. इसकी कीमत लगभग अढ़ाई सौ रुप. प्रति किलोग्राम रहती है. उधर, देसी घी का रोट केवल ऑर्डर पर बनाया जाता है.
हमीरपुर में फूड एंड सेफ्टी विभाग के असिस्टेंट अनिल शर्मा ने बताया कि हमारी टीम ने दियोटसिद्ध में रोट के सैंपल भरे थे और अब उसकी रिपोर्ट आ गई है. कंडाघाट लैब से मिली रिपोर्ट में सभी सैंपल फेल पाए गए हैं और अब सरकार के आदेशों के अनुसार, आगे की कार्रवाई की जाएगी. अनिल शर्मा ने बताया कि तिरुपति विवाद के बाद ही उनके विभाग ने सैंपल भरे थे और वो अब फेल हो गए हैं. रोट बासी पाया गया था.
हमीरपुर में फूड एंड सेफ्टी विभाग के अफसर अनिल शर्मा.
गौरतलब है कि सितंबर माह में तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद के सैंपल फेल होने के बाद काफी विवाद हुआ था. ऐसे में अब बाबा बालक नाथ मंदिर के प्रसाद के सैंपल फेल होने पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, अहम बात है कि मंदिर प्रबंधन का प्रसाद से कुछ लेना देना नहीं है, लेकिन ये रोट बाबा बालक नाथ को चढ़ाए जाते हैं और फिर पुजारी इन्हें वितरित करते हैं. माना जाता है कि बाबा बालक नाथ को रोट बेहद पसंद थे, इसलिए लोग यहां पर रोट चढ़ाते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 14:41 IST