कलेक्टोरेट कार्यालय में ज्ञापन देते हुए
जांजगीर-चांपा: छत्तीसगढ़ आधार सेवा समिति अपनी 7 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल पर चली गई है. यह हड़ताल 18 से 20 नवंबर तक चलेगी, जिसके चलते जिले में आधार पंजीकरण और अपडेट सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहेंगी. हड़ताल से पहले जिले के 100 से अधिक आधार ऑपरेटरों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपनी मांगों का उल्लेख किया. तीन दिनों तक आधार सेवाओं के बंद रहने से आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
प्रशासन और UIDAI को ठहराया जिम्मेदार
आधार ऑपरेटरों का कहना है कि जनता को हो रही समस्याओं के लिए प्रशासन और UIDAI जिम्मेदार हैं. उनका आरोप है कि उनकी समस्याओं का समय पर समाधान नहीं किया जा रहा है. ऑपरेटरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो यह आंदोलन तेज हो सकता है, जिससे आधार सेवाओं में लंबी अवधि तक रुकावट आ सकती है.
ऑपरेटरों की 7 मुख्य मांगें
आधार ऑपरेटरों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर आवाज बुलंद की है. वे पिछले 7 वर्षों से CHiPS एजेंसी के तहत आधार पंजीकरण और अपडेट का कार्य कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में UIDAI की नई गाइडलाइन्स ने उनकी समस्याओं को बढ़ा दिया है.
1. शासकीय परिसरों में स्थानांतरण का आदेश: UIDAI ने सभी आधार केंद्रों को सरकारी परिसरों में संचालित करने का निर्देश दिया है, लेकिन CHiPS के पास पर्याप्त किट उपलब्ध नहीं हैं.
2. स्वयं की खरीदी किट का मुद्दा: कई ऑपरेटरों ने अपनी खरीदी हुई किट एजेंसी को मुफ्त सौंप दी है, लेकिन उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला.
3. लंबित भुगतान: दिसंबर 2022 के बाद से कमीशन का भुगतान रुका हुआ है.
4. चॉइस सेंटर छोड़ने का दबाव: सरकारी परिसरों में केंद्र स्थानांतरित करने के कारण ऑपरेटरों को अन्य कार्य छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है.
5. रोजगार संकट: नई गाइडलाइन्स के चलते ऑपरेटरों को अपने रोजगार के छिनने का डर सता रहा है.
6. अस्पष्ट निर्देश: ऑपरेटरों को एजेंसी या प्रशासन की ओर से स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं.
7. आर्थिक स्थिति बिगड़ने का खतरा: रोजगार संकट के चलते ऑपरेटरों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है.
आंदोलन की चेतावनी
आधार ऑपरेटर संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे. इससे आधार सेवाओं में गंभीर रुकावट आ सकती है. उन्होंने सरकार और संबंधित एजेंसियों से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो और जनता को आधार सेवाओं में किसी तरह की असुविधा न हो.
हड़ताल का असर
जिले में तीन दिनों तक आधार पंजीयन, अपडेट और सुधार सेवाओं के बाधित रहने से आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. समिति का यह आंदोलन न केवल ऑपरेटरों की मांगों को उजागर करता है, बल्कि आधार सेवाओं की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने की जरूरत को भी रेखांकित करता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 15:51 IST