दवा-खाना जमा करो...पुतिन संग क्या करने वाले हैं ट्रंप?स्वीडन-फिनलैंड में खलबली

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नई दिल्ली: दुनिया कई मोर्चे पर युद्ध देख रही है. एक ओर रूस-यूक्रेन जंग है तो दूसरी ओर इजरायल का ईरान और लेबनान संग युद्ध. डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव जीतते ही अब सबकी नजर पुतिन और ट्रंप पर है. इस बीच दो नाटो देशों ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे तीसरे विश्व युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. जी हां, नाटो के नए सदस्य स्वीडन और फिनलैंड ने अपने नागरिकों को जंग से बचने की तैयारी की सलाह दी है. दोनों ही देशों ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे डायपर, दवाएं और बच्चों का खाना पहले से जमा कर के रखें. अब ऐसे में सवाल है कि क्या दुनिया सच में और जंग देखने जा रही है? क्या थर्ड वर्ल्ड वॉर की शुरुआत होने वाली है? आखिर डोनाल्ड ट्रंप पुतिन के साथ ऐसा क्या करने वाले हैं, जिससे इन दोनों देशों के लोगों को वॉर वॉर्निंग दी गई?

दरअसल, रूस-यूक्रेन जंग की आग कभी भी भड़क सकती है. अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. ऐसे में पुतिन का बमकना स्वाभाविक है. पुतिन पहले ही चेता चुके हैं कि अगर नाटो देशों की ओर से ऐसी कोई कार्रवाई होती है तो अंजाम परमाणु हमला होगा. यही वजह है कि अब डर का माहौल और बढ़ गया है. ट्रंप पुतिन के साथ रिश्ते और तल्ख करेंगे या युद्ध खत्म कराने की कवायद, यह अभी क्लियर नहीं है. हालांकि, इतना तय है कि माहौल और गरमा गया है.

सीएनएन के मुताबिक, स्वीडन और फिनलैंड ने अपने नागरिकों को युद्ध में कैसे बचे रहना है, इस बारे में नई गाइडलाइन्स जारी की हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद नाटो देशों ने अपने रक्षा उपायों को मजबूत किया है. रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद दोनों देश पिछले दो सालों में इस नाटो गठबंधन में शामिल हुए हैं. इसके बाद से कई यूरोपीय देशों ने इलाके में लंबी अवधि की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अपने सैन्य खर्च में इजाफा किया है.

क्या वॉर्निंग दी जा रही?
नॉर्डिक देशों यानी स्वीडन और फिनलैंड में लाखों घरों में बुकलेट बांटे गए हैं. बांटे गए बुकलेट में इस बात की जानकारी दी गई है कि सैन्य संघर्ष, संचार व्यवधान और बिजली कटौती के साथ-साथ खराब मौसम की घटनाओं से कैसे निपटा जाए. सरकारी अधिकारियों ने सुझाव दिए हैं कि कैसे लोग युद्ध की स्थिति में खुद को बचा सकते हैं. बोतलबंद पानी और सैनिटरी प्रोडक्ट्स का भंडारण करने से लेकर घर पर खाने योग्य खाद्य पदार्थ उगाने तक की सलाह दी गई है. ब्रोशर में माता-पिता और देखभाल करने वालों के लिए भी सलाह दी गई है, जिसमें लोगों को डायपर, दवा और बच्चों का खाना सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं.

50 लाखों को अलर्ट
स्वीडिश सिविल कंटिंजेंसी एजेंसी (एमएसबी) के अनुसार, स्वीडिश सरकार 18 नवंबर से दो सप्ताह तक सभी 50 लाख घरों में बुकलेट बांटेगी, जिसका शीर्षक होगा- अगर संकट या युद्ध आता है तो इससे कैसे निपटा जागी. स्वीडिश सिविल कंटिंजेंसी एजेंसी ने ही इस पैम्फलेट को तैयार किया है. सेकेंड वर्ल्ड वॉर में पहली बार प्रकाशित हुए स्वीडिश ब्रोशर का यह पांचवां एडिशन है और इसमें युद्ध की तैयारी पर जोर दिया गया है. इस कदम का मकसद है यूक्रेन युद्ध की आंच से बचना. इसमें हमले की आशंका भी जताई गई है.

गाइडलाइन में क्या-क्या
फिनलैंड के गृह मंत्रालय ने भी सोमवार को नई आपातकालीन गाइडलाइन जारी की, जिसमें लोगों को लंबे समय तक बिजली कटौती, पानी की कमी, टेलीकम्युनिकेशन बाधाओं, भयानक मौसम की घटनाओं और सैन्य संघर्ष से निपटने के बारे में सलाह दी गई है. इससे पहले इस साल 32-देशों वाले समूह के दो अन्य सदस्य नॉर्वे और डेनमार्क ने भी युद्ध के समय के लिए अपडेटेड गाइडलाइन जारी की थीं, जिसमें लोगों को संभावित संकटों के लिए तैयार रहने के बारे में बताया गया है.

Tags: Russia ukraine war, Ukraine News, Ukraine war, World news

FIRST PUBLISHED :

November 19, 2024, 06:44 IST

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