बीकानेर की कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है.
बीकानेर: शादी का मौसम आते ही युवतियों की पहली पसंद बनती है कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी. खास बात यह है कि यह पारंपरिक ज्वैलरी पूरी दुनिया में सिर्फ बीकानेर में ही बनाई जाती है. बीकानेर में तैयार होने के बाद यह ज्वैलरी भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में अपनी धाक जमाती है. बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और बिजनेसमैन अपनी शादियों के लिए खासतौर पर बीकानेर से कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी मंगवाते हैं.
हजार साल पुरानी परंपरा
श्रीकिशन ज्वैलर्स के राम सोनी ने बताया कि कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी की परंपरा करीब एक हजार साल पुरानी है. यह ज्वैलरी 24 कैरेट सोने पर जड़ाई जाती है, जो बीकानेर को विशेष बनाती है. भारत में बीकानेर इकलौता शहर है जहां कुंदन जड़ाऊ के लिए इतने बड़े स्तर पर कारीगर उपलब्ध हैं. यहां 10 से 15 हजार कुशल कारीगर हैं, जो इस कला को जीवित रखे हुए हैं.
शाही अंदाज में जड़ाऊ की चमक
कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी के आकर्षण के बारे में राम सोनी ने बताया कि इसे पहनने वाले में एक अलग ही शाही अंदाज नजर आता है. शादी, तीज-त्योहार और अन्य शुभ अवसरों पर कुंदन जड़ाऊ की मांग तेजी से बढ़ती है. इस ज्वैलरी में गले का हार, कानों के झुमके, ब्रेसलेट और बाजूबंद प्रमुख हैं.
ज्वैलरी निर्माण की जटिल प्रक्रिया
कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी को तैयार करने में सोना, डायमंड पोल्की और मीनाकारी का उपयोग होता है. इसे बनाने में महीनों का समय लगता है, जिसमें कारीगरों की महीन कारीगरी शामिल होती है. एक ज्वैलरी सेट का कारीगरी चार्ज लाखों रुपए तक पहुंच जाता है. यही कारण है कि कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी की कीमत एक लाख रुपए से लेकर करोड़ों तक होती है.
बीकानेर का करोड़ों का कारोबार
बीकानेर में कुंदन जड़ाऊ ज्वैलरी का कारोबार करोड़ों रुपये का है. स्थानीय कारीगर अपनी मेहनत और परंपरा से इस कला को जीवंत रखे हुए हैं. यह ज्वैलरी न केवल बीकानेर की पहचान है बल्कि भारतीय संस्कृति और शाही परंपरा का प्रतीक भी है.
Tags: Bikaner news, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 13:34 IST