नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि इसे गैस चैम्बर कहना गलत नहीं होगा. हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि सांस लेना भी मुहाल हो गया है. रविवार को तो यहां के कुछ हिस्सों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 600 को पार कर गया. हालत की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण (ग्रैप-4) को लागू करने का फैसला लिया है.
ग्रैप-4 लागू किए जाने के बाद एयर क्वॉलिटी के लेवल को कंट्रोल करने के लिए सरकार द्वारा कई कड़े उपाय लागू किए जाएंगे. इस चरण में कारखानों, कंस्ट्रक्शन वर्क और ट्रैफिक पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. दिल्ली-एनसीआर में रविवार को एक्यूआई 500 के पार दर्ज किया गया. कई इलाकों में एक्यूआई खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया गया.
‘एक्यूआई डॉट इन’ के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 17 नवंबर की सुबह आठ बजे 477 था, जो शाम को 548 हो गया. इसके अलावा, अलीपुर का एक्यूआई 586, आनंद लोक का 586, आनंद पर्वत का 521, आनंद विहार 608, अशोक विहार फेज-1 का 539, बवाना औद्योगिक क्षेत्र का 534, भलस्वा लैंडफिल का 508, ग्रेटर कैलाश का 586, आईटीआई शाहदरा का 608, कालकाजी का 646 और पीजीडीएवी कॉलेज का 701 है.
उल्लेखनीय है कि जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं. ग्रैप-4 लागू होने के बाद राजधानी में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि, जरूरी सामग्री की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 01:58 IST