जयपुरः राजस्थान में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में एक युवक ने दम तोड़ दिया. वो दुनिया से चला गया, लेकिन जाते-जाते 3 लोगों को नई जिंदगी दे गया. यह कहानी है शुभम की, जिनका ब्रेन डेड हो जाने के बाद परिवार के लोगों ने अंगदान का फैसला लिया. 26 साल के शुभम के ब्रेन डेड होने के बाद परिवार ने अंगदान किया. शुभम की दोनों किडनियों और लिवर को दान कर दिया गया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर मनीष अग्रवाल और डॉ. चित्रा सिंह ने बताया कि भरतपुर जिले के गांव भैसा के रहने वाले शुभम गोयल का 13 नवंबर को सुबह एक्सीडेंट हो गया था. जिसके बाद उसे सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. अस्पताल में भर्ती रहने के 6 दिनों तक डॉक्टरों ने शुभम की जान बचाने के लिए कड़ी मशक्कत की लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.
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डॉक्टरों की समझाइश के बाद शुभम की मां हेमलता ने बेटे के अंगदान का फैसला किया. शुभम की दोनों किडनी एसएमएस के सुपर स्पेशियलिटी में भर्ती दो मरीजों को लगाई गईं. तो वहीं, लिवर को जोधपुर स्थित एम्स भेजा गया. डॉक्टरों के मुताबिक करीब तीन साल पहले पिता की मृत्यु के बाद शुभम ने ही घर संभाल रखा था. वह प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करता था. परिवार में मां और छोटा भाई है, जो पढ़ रहा है.
बताया जा है कि, ट्रांसप्लांट करने का काम शुरू कर दिया गया है. दान की गई दोनों किडनी पुरुष मरीज को लगाई जा रही हैं. जिससे उन्हें नई जिंदगी मिल सके. शुभम का हार्ट भी डोनेट किया जाना था, लेकिन कोई रिसीवर नहीं मिलने की वजह से हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं हो सका. परिवार के इस फैसले से तीन लोगों की जिंदगियां बच गईं. अब उनके इस नेक काम की हर कोई तारीफ कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:02 IST