उत्तराखंड में बढ़ते महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले (प्रतीकात्मक तस्वीर)
देहरादून : उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की तस्वीर बेहद चिंताजनक होती जा रही है. विगत कुछ सालों में रेप और छेड़छाड़ के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है. हाल ही में प्रेमनगर थाना क्षेत्र से एक निजी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर को सरेराह महिला के साथ अभद्रता के आरोप में गिरफ्तार किया गया. ऐसे घटनाक्रमों के बीच लोकल18 ने देहरादून के जाने-माने मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. उमाशंकर से बात की, जिन्होंने इन अपराधों में लिप्त आरोपियों की मनोस्थिति का विश्लेषण किया और बताया कि आखिर वे महिलाओं के प्रति इस तरह के भावना क्यों रखते हैं.
नेशनल क्राइम ब्यूरो की 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड महिला अपराधों में छठे स्थान पर है. राज्य में 2021 में महिला अपराध के 3431 मामले सामने आए थे, जबकि 2022 में यह संख्या बढ़कर 4337 हो गई. एक साल में 906 मामलों की वृद्धि हुई. यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि महिला अपराध का ग्राफ 2021 की तुलना में 26% ऊपर जा चुका है. इससे पहले वर्ष 2020 में 2846 मामले सामने आए थे. यह स्थिति केवल आंकड़ों में नहीं, बल्कि समाज की संरचना में गहरे बदलाव को भी उजागर करती है.
उत्तराखंड महिला आयोग में दर्ज शिकायतें
मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक उत्तराखंड महिला आयोग में दर्ज शिकायतों का जिलेवार विवरण पर नज़र डाले तो देहरादून में सबसे अधिक 660 शिकायतें दर्ज हुई हैं.इसके बाद हरिद्वार और उधम सिंह नगर का स्थान है. हरिद्वार में 296 और उधम सिंह नगर में 280 शिकायतें मिली. नैनीताल में 97, पौड़ी में 79, और टिहरी में 35 शिकायतें हैं. पिथौरागढ़ में 32, अल्मोड़ा में 20, और उत्तरकाशी तथा चमोली में क्रमशः 19 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. चंपावत में 12 और रुद्रप्रयाग में 10 शिकायतें दर्ज की गई हैं. बागेश्वर में केवल 7 शिकायतें मिली हैं, जबकि अन्य जिलों से 76 शिकायतें आई हैं. उत्तराखंड में कुल 1642 शिकायतें दर्ज की गई हैं.
80 साल की बुजुर्ग महिला से रेप
हाल के दिनों में ऋषिकेश में महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता, हरिद्वार में मेडिकल अफसर पर इंटर्न से छेड़छाड़, रुद्रपुर में नर्स के साथ दुष्कर्म और हत्या, सितारगंज में चार साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म का प्रयास, देहरादून आईएसबीटी में नाबालिग से दुष्कर्म, लालकुआं में विधवा के साथ दुष्कर्म और पिथौरागढ़ में 80 साल की बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म जैसे कई गंभीर मामले सामने आए हैं
इस प्रवृति के लोग करते हैं अपराध
लोकल18 ने जाने-माने मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. उमाशंकर से बातचीत की उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में लिप्त आरोपी ज्यादातर उन परिवारों से आते हैं, जिनका आर्थिक-सामाजिक परिवेश बिगड़ा हुआ है. इनमें डोमिनेटिंग नेचर की प्रवृत्ति होती है, जिससे बचपन से उन्हें यह धारणा मिलती है कि पुरुष समाज में बलवान हैं. यही भावना आगे चलकर अपराध का रूप ले लेती है.उन्होंने आगे बताया कि अगर आरोपी का बचपन बेहद बंधन में हो और परिवार में रोक-टोक ज्यादा हो, तो उनमें जमा ऊर्जा विस्फोट के रूप में आपराधिक रास्ते की ओर बढ़ती है. मनोवैज्ञानिक विकास के तीसरे चरण में, जिसमें बच्चे अपने लिंग के प्रति भेद महसूस करते हैं, परिवार में पुरुष वर्चस्व को देखकर उन्हें लगता है कि वे कुछ भी कर सकते हैं.
बदलना होगा परिवेश
डॉ. उमाशंकर ने चेतावनी दी कि इस तरह की मानसिकता वाले व्यक्ति महिलाओं के प्रति दुर्भावना उत्पन्न करते हैं और अक्सर राह चलती महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने लगते हैं. तकनीक का दुरुपयोग भी कई बार इन विचारों में बदलाव लाता है. महिला अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच, यह समय है कि समाज एकजुट होकर ठोस कदम उठाए. क्या हम अपने परिवेश को बदल सकते हैं? यह सवाल अब अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
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FIRST PUBLISHED :
October 18, 2024, 13:41 IST