धमतरीः छत्तीसगढ़ के धमतरी नगर निगम में महापौर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन पत्र बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया गया। इससे कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने कांग्रेस प्रत्याशी विजय गोलछा के नामांकन पर आपत्ति जताते हुए दावा किया था कि वह धमतरी नगर निगम में पंजीकृत ठेकेदार हैं और नगरीय निकाय के लाभार्थी हैं। धमतरी नगर निगम चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी इंदिरा देहारी ने बताया कि नगर निगम अधिनियम 1956 की धारा 17-2 के तहत कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द किया गया है, जिसके अनुसार प्रत्याशी का नगर निगम में कोई हित नहीं होना चाहिए।
11 फरवरी को होगा मतदान
राज्य के 10 नगर निगम, 49 नगर परिषद और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नगर निकायों के लिए एक ही चरण में 11 फरवरी को मतदान होगा। निकाय चुनाव के लिए नामांकन 22 जनवरी से शुरू हुए थे और नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 28 जनवरी थी। बुधवार को नामांकन पत्रों की जांच की गई। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 31 जनवरी है।
इस वजह से खारिज हुआ नामांकन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विजय गोलछा को पूर्व में नगर निगम में हाईमास्ट लाइट लगाने का ठेका मिला था। इस काम के एवज में कुछ भुगतान अभी भी बाकी है। धमतरी नगर निगम में महापौर पद के लिए भाजपा प्रत्याशी जगदीश रामू रोहरा के पोल एजेंट कविंद्र जैन ने इन विवरणों का हवाला देते हुए गोलछा के नामांकन पर आपत्ति दर्ज कराई थी। बुधवार को निर्वाचन अधिकारी ने दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने को कहा था। बृहस्पतिवार को सुनवाई के बाद निर्वाचन अधिकारी ने आपत्तियों को सही पाया और कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन को अवैध घोषित कर खारिज कर दिया।
कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधा और नगरीय निकाय चुनावों में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और कांग्रेस के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिये तमाम तरीके का षड़यंत्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। बैज ने आरोप लगाया कि धमतरी में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी विजय गोलछा का नामांकन फार्म षड़यंत्रपूर्वक मुख्यमंत्री के निर्देश पर रद्द कर दिया गया। बैज ने दावा किया कि विजय गोलछा नगर निगम धमतरी के पंजीकृत ठेकेदार नहीं है, वह पीडब्ल्यूडी में पंजीकृत ठेकेदार हैं। उन्होंने धमतरी निगम में एक वर्ष पूर्व काम लिया था जो उसी समय पूरा हो चुका था।
इनपुट- भाषा