धरती पर अब पैदा होगी सूरज की ताकत, न्यूक्लियर फ्यूजन को कंट्रोल करने की तैयारी

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वेलिंगटन. न्यूजीलैंड की राजधानी के एक कमर्शिअल वेयरहाउस में, एक स्टार्टअप ने ऐसी तकनीक पर काम करना शुरू किया है जो धरती पर सूरज की ताकत को पैदा कर सकेगी. इस स्टार्टअप का टारगेट न्यूक्लियर फ्यूजन (परमाणु संलयन) को कंट्रोल करना है, जो ऊर्जा का एक असीमित और स्वच्छ स्रोत हो सकता है. यह तकनीक एक ‘इनसाइड आउट’ रिएक्टर पर आधारित है, जिसमें शक्तिशाली लेविटेटिंग मैग्नेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके जरिए, न्यूक्लियर फ्यूजन को हासिल किया जा सकेगा, जो वर्तमान में इस्तेमाल हो रहे न्यूक्लियर डिवीजन (परमाणु विभाजन) के विपरीत है.

न्यूक्लियर फ्यूजन प्रक्रिया में दो हाइड्रोजन परमाणुओं को एक साथ मिलाकर अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, जिससे यह दुनिया के सबसे सामान्य तत्व – हाइड्रोजन – का उपयोग करती है. इस प्रकार की ऊर्जा से न केवल ऊर्जा संकट का समाधान हो सकता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक वरदान साबित हो सकती है. इस प्रोजेक्ट की सफलता से भविष्य में एक स्वच्छ और स्थिर ऊर्जा स्रोत की संभावना सामने आएगी, जो हरित क्रांति की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है. इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर, यह वैश्विक ऊर्जा उद्योग में एक नया मोड़ ला सकता है, और पूरी दुनिया में साफ ऊर्जा की आपूर्ति के लिए एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.

इस महीने की शुरुआत में, ओपनस्टार टेक्नोलॉजीज ने घोषणा की थी कि वह लगभग 300,000 डिग्री सेल्सियस या 540,000 डिग्री फ़ारेनहाइट के तापमान पर अत्यधिक गर्म प्लाज्मा बनाने में कामयाब रही है – फ्यूजन एनर्जी के उत्पादन की दिशा में एक लंबे रास्ते पर एक जरूरी कदम. कंपनी ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया.ओपनस्टार के संस्थापक और सीईओ रातू मतैरा ने कहा, “पहला प्लाज्मा वास्तव में एक महत्वपूर्ण क्षण है, यह वह क्षण है जब आप जानते हैं कि सब कुछ प्रभावी ढंग से काम करता है.”

उन्होंने सीएनएन को बताया कि कंपनी को यहां तक ​​पहुंचने में दो साल और लगभग 10 मिलियन डॉलर लगे, जिससे यह कई दशकों से चले आ रहे सरकार की अगुवाई वाले कोशिशों की तुलना में सस्ता और तेज हो गया, जो फ्यूजन ऊर्जा क्षेत्र पर हावी है. ओपनस्टार उन कई स्टार्टअप्स में से एक है जो भविष्य के ऊर्जा स्रोत के व्यावसायीकरण के तरीकों की तलाश करके दुनिया को न्यूक्लियर फ्यूजन फिनिश लाइन की ओर धकेल रहा है.

Tags: Nuclear Energy

FIRST PUBLISHED :

November 29, 2024, 21:05 IST

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