शाहजहांपुर: धान की फसल में इन दिनों बाली निकलने के बाद दाने बनने की प्रक्रिया चल रही है. कई किसानों ने धान की पछेती फसल की रोपाई की है. इन फसलों में अभी बालियां ही निकल रही है लेकिन अगेती फसल की रोपाई करने वाले किसानों के लिए इन दिनों धान में लगने वाला हल्दी रोग परेशानी का सबब बना हुआ है. हल्दी रोग को कंडुआ रोग के नाम से भी जानते हैं. हल्दी रोग की चपेट में आने से धान की बालियां बुरी तरह से नष्ट हो रही है, जिससे धान की फसल के उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है. जरूरी है कि किसान समय पर नियंत्रण कर हल्दी रोग से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा ने लोकल 18 बताया कि धान में कंडुआ रोग एक फफूंद जनित बीमारी है जो धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा सकती है. यह रोग मुख्य रूप से उच्च आर्द्रता और अधिक तापमान वाली जगहों पर फैलता है. रोग की चपेट में आने के बाद धान की बालियों पर काले या भूरे रंग का पाउडर आ जाता है. यह पाउडर हवा के साथ उड़कर आसपास के पौधों को भी संक्रमित करता है. रोग से प्रभावित दाने सिकुड़ जाते हैं और उनका वजन कम हो जाता है. हल्दी रोग फसल उत्पादन को काफी हद तक प्रभावित करता है. हल्दी रोग संक्रमित बीज से भी यह रोग फैल सकता है. खेत में जलभराव होने से भी यह रोग फैलने की आशंका बढ़ जाती है.
करें इस दवा का छिड़काव
डॉ नूतन वर्मा ने बताया कि हल्दी रोग के लक्षण शुरुआती दौर में देखने पर अगर रोकथाम कर ली जाए तो होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इसके नियंत्रण के लिए 400 प्रोपिकोनाजोल 25 ईसी (Propiconazole 25% EC) दवा को लेकर 150 लीटर पानी में घोल बनाकर एक एकड़ फसल में छिड़काव कर दें. छिड़काव करने से काफी हद तक रोग से निजात मिल जाएगी.
कैसे करें हल्दी रोग की रोकथाम?
डॉ. नूतन वर्मा ने बताया कि हल्दी रोग बीज जनित रोग है. अगर धान की पौध डालते समय बीज को उपचारित कर लें, तो फसल को हल्दी रोग की चपेट में आने से बचाया जा सकता है. बीज शोधन के लिए कार्बेंडाजिम 2.5 ग्राम से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित कर सकते हैं. इसके अलावा मृदा शोधन करना भी जरूरी है. खेत की गहरी जुताई करें और खेत में ट्राईकोडरमा कल्चर से मृदा को उपचारित करें. इसके अलावा धान की फसल में यूरिया कम से कम मात्रा में इस्तेमाल करें.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News Hindi
FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 14:55 IST