Agency:News18 Madhya Pradesh
Last Updated:January 30, 2025, 11:57 IST
Burhanpur News: बुरहानपुर के आयुर्वेदिक महाविद्यालय में अब आग से भी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, जिसे अग्निकर्म कहा जाता है. इसमें गर्म लोहे, सोने या चांदी की छड़ का उपयोग करके दर्द और अन्य बीमारियों का इल...और पढ़ें
आग से मरीजों का उपचार करते एक्सपर्ट डॉक्टर
हाइलाइट्स
- बुरहानपुर में आग से बीमारियों का इलाज होता है।
- अग्निकर्म में गर्म धातु की छड़ का उपयोग होता है।
- आयुर्वेदिक महाविद्यालय में यह उपचार सिखाया जाता है।
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के मोहम्मदपुरा क्षेत्र में स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय में अब दवाइयों के साथ-साथ आग से भी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है. इस उपचार पद्धति को अग्निकर्म कहा जाता है. महाराष्ट्र के जलगांव से आए वैद्य उदय तलनार, जिनके पास 35 साल का अनुभव है. उन्होंने विद्यार्थियों को अग्निकर्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी. यह एक प्राचीन पद्धति है, जिसके माध्यम से लगभग एक दर्जन बीमारियों का इलाज किया जाता है. इसमें लोहे की छड़ और आग का उपयोग किया जाता है. और यह उपचार काफी किफायती है.
एक्सपर्ट डॉक्टर ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम ने वैद्य उदय तलनार से बात की. उन्होंने बताया कि अग्निकर्म का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है. इसमें लोहे, सोने या चांदी की छड़ को गर्म करके घुटनों का दर्द, कमर का दर्द, गर्दन पर मस्सा जैसी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इस प्रक्रिया को तीन से चार बार करने पर बीमारियां दूर हो जाती हैं. आग के उपयोग के कारण इसे अग्निकर्म कहा जाता है. यह प्राचीन समय की एक पद्धति है, जिसे आज भी अपनाया जा रहा है.
आग से बीमारियां की जाती है ठीक
अग्निकर्म एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आग और तांबे, सोने या चांदी की छड़ का उपयोग किया जाता है. जिस जगह पर दर्द होता है, वहां गर्म छड़ लगाई जाती है. इससे दर्द में आराम मिलता है. एक्सपर्ट डॉक्टर ने आयुर्वेदिक महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इस प्रक्रिया का ज्ञान दिया. विद्यार्थी इसे एक बार में ही समझ गए. यदि आप भी इस प्रक्रिया का लाभ लेना चाहते हैं, तो आयुर्वेदिक महाविद्यालय में ₹100 का चार्ज देना होगा.
Location :
Burhanpur,Madhya Pradesh
First Published :
January 30, 2025, 11:57 IST