झाड़ू बनाते राम सम्हारे
Broom Business: कमाई करने के बहुत सारे तरीके हैं. नौकरी करने के साथ आप खुद का काम शरू कर भी कमाई कर सकते हैं. दियरा राजमहल के किनारे सुल्तानपुर के रहने वाले किसान राम सम्हारे भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. दरअसल, दियरा ग्राम सभा में किसान राम सम्हारे ने अपने पारंपरिक व्यवसाय को संजो कर रखा है. अपने व्यवसाय में वे खजूर के पेड़ के पत्तों की झाड़ू बनाकर बाजार में बेचते हैं. प्रतिदिन लगभग 50 से 60 झाड़ू का वह उत्पादन करते हैं, ऐसे में प्रतिमाह लगभग 800 से 900 झाड़ू बनाकर मार्केट में बेच रहे हैं.
ऐसे बनाते हैं झाड़ू
लोकल 18 से बातचीत के दौरान राम सम्हारे ने बताया कि सबसे पहले खजूर के पत्तों को तोड़कर लाते हैं और उसको धूप में सुखाते हैं. इसके बाद उन पत्तों को डंडे से पीट कर क्रम में लगा देते हैं. तत्पश्चात साइज के अनुसार उन पत्तों को ताई अथवा डोरी से कस कर बांध देते हैं और अंत में झाड़ू की पुलिंग को एक अच्छे क्रम में काटते हैं, जिससे झाड़ू बनकर तैयार हो जाती है.
अनाज के बदले देते हैं झाड़ू
अक्सर हम अर्थशास्त्र में पढ़ते हैं कि वस्तु विनिमय अब समापन की ओर है, लेकिन खजूर के इस व्यापार में रामसम्हारे ग्रामीण क्षेत्र में वस्तु विनिमय को बढ़ावा दे रहे हैं. इसका कारण यह रहा है कि उनके पास खेती करने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है। इस वस्तु विनिमय के माध्यम से वे अनाज के बदले लोगों को झाड़ू उपलब्ध कराते हैं.
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कितनी होती है कमाई
राम सम्हारे ने लोकल 18 से बताया कि वह प्रतिदिन 50-60 झाड़ू बनाते हैं, जिसकी बाजार में कीमत 15 से 20 रुपए होती है. इस तरह से वे अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन उनके इस व्यापार में सबसे बड़ी समस्या हरी टहनियों की उपलब्धता न होना और बिक्री के लिए अच्छे बाजार या फिर बाजार की दूरी अधिक होना है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 15:32 IST