नए लुक में दिखेगी जसुली देवी की धर्मशाला, जानें उत्तराखंड की सबसे दानवीर महिला के बारे में
नए लुक में नजर आएगी जसुली देवी की धर्मशाला.
नैनीताल. उत्तराखंड की जब बात होगी, तो जसुली दताल (जसुली देवी शौक्याणी) का जिक्र भी जरूर आएगा. जसुली देवी द्वारा उत्तराखंड में कई धर्मशालाओं का निर्माण कराया गया था. पर्यटन विभाग द्वारा अब इन धर्मशालाओं को संवारने की कवायद की जा रही है. इसके तहत नैनीताल जिले में अल्मोड़ा रोड पर स्थित जसुली देवी की धर्मशाला का पर्यटन विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण किया जा रहा है, जहां रेस्टोरेंट-कैफे बनाने की योजना है. जसुली देवी उस दौर की आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध महिला थीं, जो उत्तराखंड के शौका समाज से ताल्लुक रखती थीं. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी के दांतु गांव में उत्तराखंड की सबसे दानी महिला जसुली देवी शौक्याणी का जन्म हुआ था.
धारचूला से लेकर हल्द्वानी तक लगभग 300 धर्मशालाओं का निर्माण करवाने वालीं जसुली देवी के व्यापारी पति के पास अथाह धन था. बताया जाता है कि यह दौलत उनके पति ने बोरों में भरकर रखी थी. पति और बेटे की असमय मृत्यु के बाद जसुली देवी ने इस धन को नदी में बहाना शुरू कर दिया था. तभी कुमाऊं कमिश्नर सर हेनरी रैमजे का काफिला उस क्षेत्र में पहुंचा और उन्होंने देखा कि एक महिला सोने-चांदी के सिक्कों को नदी में बहा रही है. तब वह फौरन जसुली देवी के पास पहुंचे और इस धन का इस्तेमाल विभिन्न पैदल मार्गों पर धर्मशालाएं बनवाकर जनसेवा में करने की सलाह दी. जिसके बाद उन्होंने इन धर्मशालाओं का निर्माण करवाया. इन्हीं में से एक धर्मशाला भवाली अल्मोड़ा मोटर मार्ग में स्थित है.
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
नैनीताल जिले के पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि जसुली देवी की धर्मशाला उत्तराखंड में पुराने ट्रेड रूट में स्थित है. ऐसी ही एक उनकी धर्मशाला भवाली-अल्मोड़ा मोटर मार्ग पर खीनापानी में बनी हुई है, जिसके सौंदर्यीकरण का काम पर्यटन विभाग कर रहा है. इसके साथ ही इस धर्मशाला को संचालन के लिए दिए जाने की कार्यवाही भी चल रही है. उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग की इस धर्मशाला को रेस्टोरेंट-कैफे के रूप में संवारने की योजना है, जिसमें स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 14:50 IST