दीपेंद्र कुमावत/ नागौर: राजस्थान के सांभर के साथ-साथ नागौर जिले के नावा-कुचामन क्षेत्र में भी नमक का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. इन दिनों कुचामन के नमक खारड़ा क्षेत्र की इकाइयों में उत्पादन कार्य जोरों पर है. कामगारों की अथक मेहनत से विशाल नमक झीलों के चारों ओर बर्फ जैसी सफेदी और चाँदी सी चमक बिखरी नजर आ रही है.
सफेदी में छिपी मेहनत की चमक
कुचामन का नमक उत्पादन क्षेत्र कामगारों की कड़ी मेहनत का प्रतीक है. यह चमकदार सफेदी न केवल नमक के ढेर हैं, बल्कि इसमें शामिल हैं स्थानीय मजदूरों की अनवरत लगन और पसीना है. नमक व्यापारियों का कहना है कि यदि मौसम अनुकूल रहा और बेमौसम बारिश नहीं हुई तो इस वर्ष उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है. क्षेत्र का दृश्य सफेद नमक के ढेरों के कारण ऐसा प्रतीत होता है, जैसे बर्फ की चोटियां सूर्य की किरणों से जगमगा रही हों.
40 से 45 नमक इकाइयों में तेज हुई गतिविधियां
नमक उत्पादन के लिए विशाल जलाशयों में खारे पानी को सुखाया जाता है, जिसके बाद सतह पर नमक की परत जमती है.
– मजदूर पारंपरिक औजारों से इस नमक को इकट्ठा कर ढेर बनाते हैं.
– क्षेत्र में 40 से 45 नमक इकाइयां संचालित हैं.
– सीजन के दौरान 40 से 45 हजार टन नमक का उत्पादन होता है, जिसकी बाजार कीमत 5 से 6 करोड़ रुपए आंकी गई है.
150 से अधिक मजदूर जुटे हैं कार्य में
सर्दियों में यहां 150 से अधिक मजदूर काम करते हैं, जिनमें से फिलहाल 100 से 120 मजदूर उत्पादन कार्य में जुटे हैं.
– नमक उत्पादन का सीजन: जून तक चलता है.
– बारिश के मौसम में यह कार्य बंद हो जाता है.
– रोजाना हजारों लोगों को रोजगार प्रदान करने वाली यह इकाइयां स्थानीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं.
कुचामन की आर्थिक रीढ़ है नमक खारड़ा
यह क्षेत्र छोटी-छोटी क्यारियों में बंटी हुई नमक झीलों से भरा है, जहां सफेद नमक के ढेरों के बीच मजदूर दिन-रात काम कर रहे हैं.
– नमक खारड़ा कुचामन क्षेत्र की आर्थिक रीढ़ के रूप में कार्य करता है.
– यहां उत्पादित नमक राजस्थान सहित देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता है.
– यह क्षेत्र न केवल आर्थिक महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा भी बन चुका है.
मजदूरों और व्यापारियों की उम्मीदें
स्थानीय व्यापारियों और कामगारों का कहना है कि इस वर्ष नमक उत्पादन बेहतर होगा.
– यदि किसान और व्यापारी मौसम अनुकूल रहने की उम्मीदों के साथ काम करें, तो यह सीजन आर्थिक दृष्टि से क्षेत्र के लिए सफल और फायदेमंद साबित होगा.
कुचामन का नमक खारड़ा क्षेत्र न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका का स्रोत भी है. यहां की सफेदी सिर्फ नमक की नहीं, बल्कि मेहनत और लगन की चमक है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 12:52 IST