Aligarh: विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति की चयन प्रक्रिया का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आपको बता दें कि विवादों के बीच विश्वविद्यालय की कुलपति नईमा खातून की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुलपति समेत अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
नियमों की अनदेखी का लगा आरोप
यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की अदालत ने प्रो.एमयू रब्बानी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. बता दें कुलपति की चयन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी का आरोप लगातार लग रहा है. इससे पहले भी कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं. इनमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली के सैयद अफजल मुर्तजा रिजवी और एएमयू के प्रो. मुजाहिद बेग ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इन्हीं याचिकाओं को संज्ञान में लेते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पड़िया की अदालत ने कुलपति समेत अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब तलब किया है.
क्या है मामला
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति पैनल में प्रो. एमयू रब्बानी, प्रो.फैजान मुस्तफा और प्रो. नईमा खातून का नाम शामिल था. आरोप था कि चयन प्रक्रिया में प्रो. नईमा खातून के नाम को लेकर आपत्तियां दर्ज कराई जा रही थीं. उनकी नियुक्ति से पहले उनके पति प्रो. गुलरेज कार्यवाहक कुलपति थे. कुलपति के पैनल को उनके वोट को लेकर भी आपत्तियां थीं. लेकिन, इन सभी विवादों के बीच प्रो. नईमा खातून एएमयू की पहली महिला कुलपति बन गईं.
हालांकि, उनकी नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद फिर हाइकोर्ट में है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति को लेकर हो रहे विवाद का परिणाम क्या होगा,य ह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल हाई कोर्ट द्वारा दिए गए नोटिस के जवाब के लिए चार हफ्ते का समय है. हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद पूरे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में चर्चाएं तेज हो गई हैं.
Tags: Aligarh news, Local18, News18 uttar pradesh
FIRST PUBLISHED :
October 25, 2024, 12:44 IST