दिल्ली विधानसभा के पांच साल के कार्यकाल का अंतिम सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया। पहले दिन बस मार्शलों को हटाने के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा में कहा कि मार्शलों को बहाल करने का प्रस्ताव उपराज्यपाल (LG) के पास लंबित है। विधानसभा में बस मार्शलों का मुद्दा उठाए जाने के दौरान सीएम आतिशी ने एक बड़ी गलती भी कर दी।
विधानसभा में आतिशी ने की ये गलती
सीएम आतिशी विधानसभा में डीटीसी बसों के अंदर महिलाओं और लड़कियों के सुरक्षा पर बात कर रहीं थीं। आतिशी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले किसी और सरकार ने क्यों नहीं सोचा था कि बस में मार्शल लगाए जाएं? आतिशी ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था। ये जघन्य अपराध भी डीटीसी बस में हुआ था।
प्राइवेट कंपनी की थी बस
हालांकि, निर्भया कांड को लेकर विधानसभा के अंदर आतिशी का दिया हुआ बयान पूरी तरह गलत है। 16 दिसंबर 2012 की रात में जो निर्भया कांड हुआ था, वह डीटीसी की बस में न होकर एक प्राइवेट कंपनी की बस में हुआ था। ये बस यादव ट्रेवल्स नाम की कंपनी से रजिस्टर्ड थी। इसी बस में वह निर्भया कांड का जघन्य अपराध हुआ था।
मार्शल के मुद्दे पर और क्या कहा आतिशी ने?
विधानसभा की चर्चा में भाग लेते हुए आतिशी ने कहा कि 20 अक्टूबर 2023 को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि बस मार्शलों को नहीं हटाया जाना चाहिए। उनके वेतन का भुगतान रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सत्तारूढ़ आप विधायकों ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने उपराज्यपाल के जरिए बस मार्शलों को हटवाया और इस तरह उनके परिवारों के लिए आजीविका की समस्या पैदा कर दी।