नैनीताल में राष्ट्रपिता की प्रतिमा हटाने को लेकर विरोध हो रहा है.
नैनीताल. उत्तराखंड के नैनीताल नगर के तल्लीताल चौराहे से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाए जाने को लेकर विरोध हो रहा है. नगर का सौंदर्यीकरण होना है, जिसके लोक निर्माण विभाग द्वारा प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत तल्लीताल चौराहे का सौंदर्यीकरण भी होना है. तल्लीताल डांठ पर लगी गांधी प्रतिमा को हटाकर ताकुला स्थित गांधी आश्रम शिफ्ट करने की प्रशासन की योजना है और उसकी जगह तल्लीताल चौराहे के बीचोंबीच बापू की नई प्रतिमा लगाई जाएगी, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. महात्मा गांधी की यह प्रतिमा राज्य आंदोलन से लेकर कई आंदोलनों की गवाह रही है.
महात्मा गांधी की प्रतिमा 70 के दशक में यहां स्थापित की गई थी और तब से लेकर आज तक यह शांति, सद्भावना, सत्य, अहिंसा, समानता और सादगी की प्रेरणास्रोत रही है. वहीं शहर और प्रदेश में घटित घटनाओं के विरोध में सत्याग्रह और मौन प्रदर्शनों के लिए किसी संगठन या दल की ओर से गांधी की प्रतिमा के नीचे ही आश्रय लिया जाता है.
नैनीताल के लोगों की राय
नैनीताल निवासी वरिष्ठ पत्रकार और राज्य आंदोलनकारी राजीव लोचन साह ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि बापू की इस प्रतिमा से नैनीताल के लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं. यह मूर्ति हर छोटे बड़े आंदोलन का केंद्र रही है. प्रशासन द्वारा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर इस मूर्ति को नहीं हटाया जा सकता. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा बीते 25 अक्टूबर को इस जगह पर धरना दिया गया था और महिलाओं द्वारा मूर्ति के पीछे बन रही दीवार को भी तोड़ा गया था लेकिन प्रशासन मूर्ति हटाने की जिद पर अड़ा है.
नैनीताल की पहचान गांधी प्रतिमा
नैनीताल निवासी राज्य आंदोलनकारी लीला बोरा ने कहा कि यह मूर्ति कई आंदोलनों की साक्षी रही है, साथ ही यह नैनीताल की पहचान भी है. स्थानीय निवासियों के अलावा नैनीताल आने वाले पर्यटक भी इस मूर्ति के हटने से दुखी हैं. उनकी राय है कि गांधी प्रतिमा को यहां से नहीं हटाया जाना चाहिए. नैनीताल के व्यवसायी त्रिभुवन फर्त्याल ने कहा कि गांधी जी की यह प्रतिमा लोगों की भावनाओं से जुड़ी है और सभी के दिलों में राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान और आदर की भावना है. तल्लीताल डांठ में लगी मूर्ति को अन्यत्र शिफ्ट करने पर नगर के लोगों द्वारा चिंता व्यक्त की जा रही है. प्रशासन को उन लोगों से बातचीत करके इसका हल निकलना चाहिए. नैनीताल निवासी समाज सेविका सरस्वती खेतवाल कहती हैं कि तल्लीताल में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति लोगों के अनुरोध पर लगाई गई थी. कई वर्षों से लगी इस मूर्ति को लगाने के लिए इंदिरा गांधी से प्रार्थना की गई थी. इस मूर्ति से लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं. प्रशासन का प्रतिमा को हटाने का फैसला लोगों की भावनाओं से खेलना है.
विकास का विरोध करना गलत
नैनीताल के तल्लीताल व्यापार मंडल के सचिव अमनदीप सिंह ने कहा कि यदि हमारे घर में कोई चीज पुरानी हो जाती है, तो उसे बदल दिया जाता है. मंदिरों में तक भगवान की प्रतिमा यदि पुरानी हो गई है, तो उसकी जगह नई प्रतिमा लगाई जाती है. ठीक उसी तरह प्रशासन द्वारा गांधी जी की बेहद सुंदर मूर्ति पुरानी मूर्ति हटाकर चौराहे के बीचोंबीच चरखे के साथ लगाने की योजना है, जो नगर के सौंदर्यीकरण के लिहाज से बिल्कुल भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि नई मूर्ति लग जाने से किसी को किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं होगी और न ही राष्ट्रपिता के सम्मान में कोई कमी आएगी. लोगों का सौंदर्यीकरण का विरोध करना बिल्कुल गलत है. सिर्फ नैनीताल ही नहीं हल्द्वानी में भी कई चौराहों में प्रशासन द्वारा सौंदर्यीकरण और रोड चौड़ीकरण का काम किया गया है, जिसका असर साफ देखा जा सकता है. वहीं तल्लीताल डांठ में भी चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के बाद जाम जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा. शहर के विकास कार्यों के लिए किए जा रहे कामों का विरोध होना दुर्भाग्यपूर्ण है.
‘विकास का समर्थन करना चाहिए’
तल्लीताल बाजार के दुकानदार धर्मन पालीवाल के अनुसार गांधी जी की नई मूर्ति चौराहे पर लगने से शहर की खूबसूरती बढ़ेगी. नैनीताल निवासी वरिष्ठ पत्रकार किशोर जोशी ने कहा कि मूर्ति का ताकुला शिफ्ट होकर चौराहे पर नई मूर्ति लगना सौंदर्यीकरण के लिहाज से काफी अच्छा है. तल्लीताल डांठ जो शहर का प्रवेश द्वार है, वहां सबसे ज्यादा जाम की समस्या देखने को मिलती है. वहां चौड़ीकरण के बाद जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा. नई मूर्ति लगाने का विरोध करने को लेकर मुद्दा बनाना किसी की प्रतिष्ठा का सवाल नहीं होना चाहिए बल्कि इसे सकारात्मक तरीके से देखते हुए विकास का समर्थन करना चाहिए.
नैनीताल की सुंदरता में लगेंगे चार चांद
तल्लीताल के व्यापारी मोहम्मद इकबाल ने कहा कि चौराहे पर गांधी जी की नई मूर्ति और नगर के सौंदर्यीकरण के बाद शहर की एक अच्छी तस्वीर सामने आएगी और नैनीताल आने वाले पर्यटकों में भी नैनीताल की एक अच्छी छवि बनेगी. व्यापारी मोहम्मद सरफराज बताते हैं कि तल्लीताल डांठ में लगी गांधी जी की मूर्ति काफी पुरानी हो गई है. इसकी जगह यदि नई सुंदर मूर्ति चौराहे पर लगती है, तो अच्छा है. इससे शहर की सुंदरता में भी चार चांद लग जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED :
November 17, 2024, 11:21 IST