पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य के लोगों को फ्री बिजली की सुविधा देकर उनकी एक बड़ी समस्या दूर कर दी है। राज्य के लोगों को 600 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है। पंजाब में हर दो महीने में बिजली का बिल आता है। सूबे के 90 फीसदी लोगों का यह बिल अब जीरो आ रहा है। इस तरह हर महीने उन्हें 300 यूनिट बिजली फ्री मिल रही है। साल 2022 में सरकार में आते ही सीएम भगवंत मान ने ऐलान कर दिया था कि 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी। अब लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि फ्री बिजली देने से राज्य के पावर कॉर्पोरेशन पर भारी बोझ पड़ रहा होगा या पावर इंफ्रास्ट्रक्चर चरमरा रहा होगा। लेकिन स्थिति इसके बिल्कुल विपरीत है। पंजाब सरकार लोगों को फ्री बिजली ही नहीं दे रही, बल्कि पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत कर रही है।
पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी में किया इजाफा
पंजाब सरकार ने पावर ट्रांसमिशन कैपेसिटी में काफी इजाफा किया है। पंजाब में पहले ट्रांसमिशन कैपेसिटी 7,100 मेगावट थी, जिसे बढ़ाकर 9,800 मेगावाट कर दिया गया है। पहले केवल 7,100 मेगावाट बिजली आ और जा सकती थी। भले ही राज्य के पास बिजली हो, लेकिन कॉर्पोरेशन उसकी सप्लाई नहीं कर सकता था। क्योंकि ट्रांसमिशन क्षमता कम थी। इसलिए यह जरूरी था कि पावर ट्रांसमिशन क्षमता को बढ़ाया जाए। भगवंत मान का कहना है कि पहले कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया और उनकी सरकार ने यह कर दिखाया।
पावर सेक्टर को बनाया आत्मनिर्भर
मान सरकार ने पंजाब में पावर सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। पंजाब सरकार ने इसके लिए जी.वी.के पावर के स्वामित्व वाले गोइन्द पावर प्लांट को 1080 करोड़ रुपये में खरीदा है। भगवंत मान कहते हैं, 'पंजाब पूरे देश में अकेला ऐसा राज्य हैं जिसने प्राइवेट थर्मल प्लांट को खरीदा। वरना आम तौर पर सरकारी प्लांट को सरकारें बेचती ही आईं हैं।' पंजाब में इस समय 2 निजी थर्मल प्लांट और 3 सरकारी थर्मल प्लांट काम कर रहे हैं। इनसे राज्य में निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई हो रही है।
पावरकॉम को किया तय राशि से अधिक का भुगतान
पिछले 20 वर्षों में यह पहली बार है जब पंजाब सरकार ने सब्सिडी के मामले में पावरकॉम को तय राशि से अधिक का पेमेंट किया। पिछले साल अप्रैल में पंजाब सरकार को बिजली सब्सिडी के रूप में 1751 करोड़ रुपये का पेमेंट करना था, लेकिन सरकार ने पहले ही पावरकॉम को 1790.62 करोड़ रुपये का पेमेंट कर दिया। इससे पहले पावरकॉम को हमेशा तय सब्सिडी से कम भुगतान किया जाता था और पावरकॉम हमेशा पंजाब सरकार को पत्र भेजकर सब्सिडी का पेमेंट करने की बात कहता था।
शुरू की कोयला खदान
मान सरकार ने झारखंड के पंचुवाड़ा में कोयला खदान भी शुरू की। यह खदान कई दशकों से बंद थी। यहां माइनिंग शुरू होने से पंजाब में 30 साल तक कोयले की कमी नहीं रहेगी। बता दें कि पंचुवाड़ा कोयला खदान राज्य को आवंटित की गई थी, लेकिन यह 2015 से बंद थी। पिछली सरकारों ने कोयला की सप्लाई बहाल करने पर कोई ध्यान नहीं दिया था। मान सरकार ने मार्च 2022 में सत्ता संभालते ही इस मामले को उठाया और उचित तरीके से पालन करते हुए कोयले की सप्लाई बहाल की।
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