ग्वालियर. ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी में अक्सर मैनेजमेंट और प्रोफेसरों की लापरवाही सामने देखने आती रहती है. ऐसे में डॉ ए.के. शर्मा परीक्षा नियंत्रक के ऑफिस में न बैठने पर एनएसयूआई के छात्रों के द्वारा परीक्षा नियंत्रक को ढूंढने पर 5000 का इनाम घोषित करने का पर्चा उनके केबिन के बाहर चुपकाया गया छात्रों का आरोप है. जीवाजी यूनिवर्सिटी के डॉक्टर ए.के. शर्मा एवं अन्य प्रोफेसर लगातार अपने ऑफिस में नहीं बैठते हैं जिस वजह से छात्रों को बड़ी परेशानी होती है.
कई दिनों से ऑफिस में न बैठने का है आरोप
जीवाजी यूनिवर्सिटी में यह पहली बार नहीं है, जब किसी स्टाफ के ऊपर यहां आरोप लगाया गया हो. ऐसा पहले भी हुआ है, जिसमें कई बार जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारी अपने नियमित स्थान पर सही समय पर बैठे नहीं मिलते हैं. ऐसे में छात्रों ने परेशान होकर कई बार इस बात का विरोध किया है. छात्रों का यह स्पष्ट आरोप है कि जीवाजी यूनिवर्सिटी के अंदर मैनेजमेंट ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है .सभी अधिकारियों को समय पर उनके ऑफिस में बैठना चाहिए, लेकिन वे लोग समय पर नहीं बैठते हैं और उसके बाद में छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है .
परीक्षा नियंत्रक को ढूंढने पर ₹5000 का इनामी पर्चा
परीक्षा नियंत्रक ए.के. शर्मा के ऊपर छात्रों का यह आरोप है कि वह अपने स्थान पर नहीं बैठते हैं और छात्रों की समस्या नहीं सुनते हैं. इसके अलावा छात्र कई बार उनके ऑफिस में जाकर उन्हें अपनी समस्या सुनने का प्रार्थना करते हैं, परंतु वे ऑफिस में नहीं बैठते हैं. परीक्षा नियंत्रक होने के नाते परीक्षा संबंधी समस्याओं को निराकरण करने का सारा काम डॉक्टर ए.के. शर्मा पर ही रहता है, लेकिन वह अपने दायित्व का ठीक से निर्वाह नहीं कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि वह अपने ऑफिस में आते नहीं है या फिर आते हैं, तो कभी कभार आते हैं. छात्रों को परीक्षा संबंधी समस्याओं के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. इसलिए एनएसयूआई के छात्रों ने मिलकर परीक्षण नियंत्रक के ऑफिस के बाहर इनामी पर्चा लगाया है. एनएसयूआई के छात्रों का आरोप है जीवाजी विश्वविद्यालय दलालों और एजेंटो के हाथों में सौंप दिया गया है और सभी प्रमुख अधिकारी अपने ऑफिस से गायब रहते हैं या घर पर बैठते हैं.
Editer- Anuj Singh
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FIRST PUBLISHED :
November 23, 2024, 12:26 IST