'पहले बाप दिया गाली, अब बेटा देगा क्या? मेरे मुंह में नहीं जमा है दही', लालू-तेजस्वी पर क्यों भड़के जीतन राम मांझी

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जीतन राम मांझी, लालू यादव और तेजस्वी यादव- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO जीतन राम मांझी, लालू यादव और तेजस्वी यादव

बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है। बोधगया स्थित अपने आवास पर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, 'जब कोई आदमी ऊब जाता हैं तो निश्चित है की उसके मुंह से कुछ न कुछ बात निकल जाती है। गया संसदीय क्षेत्र से चुनाव हम लड़ रहे थे तो उस वक्त भी लालू यादव ने कहा था कि यहां से कौन चुनाव में खड़ा है? जिस पर लोगों ने बताया कि जीतन राम मांझी है तो उन्होंने जीतन शर्मा कहा था। उस समय उन्होंने गाली दी थी।'

इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने कहा, 'वह 2014 से लेकर 2024 तक 10 साल तक वह बात अपने सीने में यह बात दबा कर रखे थे। बिहार में जितना भी जमीन पर कब्जा का मामला चल रहा है। वह 100% में से 70% लालू प्रसाद यादव के द्वारा की जा रही है। यही बात हमने नवादा में कहा था। वहां जो 30 से 35 महादलितों के घरों को जलाया गया तो कोई अदृश्य शक्ति काम कर रही है। पेट्रोल छिड़कर घरों में आग लगा देना यह नंदू पासवान का इतना हिम्मत नहीं था। अभियुक्त बनाया हुआ है।'

 
जीतन राम मांझी ने कहा, 'यह 16 एकड़ जमीन का मामला है। इसपर कब्जा करने के लिए बाहर से आदमी लाकर घटना को अंजाम दिया गया था। यही बात लालू के पुत्र तेजस्वी यादव कहते है जीतन राम मांझी नही जीतन शर्मा है। तो बाप भी गाली दिया और अब बेटा भी गाली दे रहा है तो क्या मैं मुंह में दही जमाकर बैठे रहें?'

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'इसलिए मैंने कहा बिहार के पूर्व सीएम डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह के 2 सिपाह सलाहकार थे। जिसमें एक भूमिहार और दूसरा गड़ेरिया था। भूमिहार को तो उन्होंने शादी करा दिया फिर जब गड़ेरिया की शादी की बात आई तो लालू की मां से शादी करा दिया। जब वह गड़ेरिया थे और उससे जन्मे तो गड़ेरिया नहीं है तो क्या है?'

जीतन राम मांझी ने कहा, 'यह गलत बात है। जब किसी को दो-दो बार टच कीजिएगा तो हम गरीब हो सकते हैं। मुसहर हैं भुईयां हैं, तो स्वाभिमान नहीं है क्या? इसके लिए आप लोगों को यह लगना चाहिए था। लालू प्रसाद यादव अगर हरिजन के हितैषी होते तो चरवाहा स्कूल खोलते। कितना आवासीय विद्यालय, आईटीआई, कॉलेज बना दिए अपने समय में। पढ़ाई से तो दूर हैं किसी तरह गम्हारी भाषा बोलकर अपनी जाति के नाम शासन किया था। बिहार के लिए कुछ नहीं किया, अगर किया भी है तो वह अपने लोगों के लिए किया है।'

जीतन राम मांझी ने कहा, 'आज वह गाड़ी से चलता है और यही लोग प्रखंड कार्यालय में जाकर बोलते हैं। ए बीडीओ सुनो इधर... इस तरह का भाषा कोई दूसरे लोग नहीं बोलते हैं। उसी के लोग बोलते हैं। यह पैदा किया है। महादलितों के लिए क्या किया है?'

पश्चिम बंगाल में बिहारी छात्र की पिटाई मामले पर उन्होंने कहा कि वह जघन्य अपराध है। यहां हर राज्य में हर राज्य के लोगों को आने जाने का अधिकार है। ममता बनर्जी संविधान से परे होकर काम कर रही हैं। यह गलत है। ऐसा लगता है की बंगाल हिंदुस्तान का अंग हीं नही है। इस मामले पर बिहार सीएम और पुलिस विभाग ने भी संज्ञान लिया है। कड़ा संज्ञान लेकर चेतावनी देना चाहिए।

जीतन राम मांझी ने कहा, 'हम तो कहते हैं सारी ट्रेन दिल्ली जाने के लिए गया होकर जाती है तो हमलोग भी कहेंगे कि कोई बंगाली को जाने नहीं देंगे। इस तरह से देश बचेगा क्या? ममता सत्ता में पागल हो गई हैं। इसलिए वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाकर दुबारा चुनाव कराए तभी स्थिति ठीक हो सकती है।'

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