नासिक: क्या आप भी पाइल्स (हैमोरॉइड्स) की समस्या से परेशान हैं? क्या मल त्याग के दौरान खून आना, दर्द और खुजली आपको परेशानी में डाल रहे हैं? हालांकि, घबराने की बात नहीं है, क्योंकि आयुर्वेद में इस समस्या का असरदार इलाज मौजूद है. आयुर्वेद विशेषज्ञ बताते हैं कि नीम की पत्तियां, गोंद पाउडर और तक्षक चूर्ण जैसे प्राकृतिक उपाय पाइल्स में राहत दिलाने में मददगार हो सकते हैं, चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
बता दें कि पाइल्स दो प्रकार की होती है:
-आंतरिक पाइल्स: जो रेक्टम के अंदर विकसित होती है.
-बाहरी पाइल्स: जो गुदा के बाहर, त्वचा के नीचे विकसित होती है.
पाइल्स के लक्षण
-मल त्याग के बाद खून आना (आमतौर पर यह खून लाल रंग का होता है).
-गुदा के पास खुजली या उभार, जिसे हाथ से अंदर धकेलना पड़ सकता है.
पाइल्स के कारण
-बार-बार मल त्यागने के लिए ज़ोर लगाना.
-डाइट में फाइबर की कमी.
-ज्यादा मसालेदार और तले हुए खाने का सेवन.
-समय पर भोजन न करना.
-गैस और बासी भोजन का अधिक सेवन.
पाइल्स से बचने के लिए आयुर्वेदिक इलाज
नाशिक के प्राकृतिक चिकित्सक मिलिंद पोते ने पाइल्स के लिए कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार सुझाए हैं:
-नीम की पत्तियां: रोज़ाना एक मुट्ठी नीम की पत्तियां खाने से पाइल्स में राहत मिलती है.
-गोंद पाउडर: खाली पेट इसका सेवन लाभकारी है.
तक्षक चूर्ण का प्रयोग:
-चिरक पाउडर (10-20 ग्राम) को एक कप पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएं.
-इसे सूखने दें और फिर 200 मि.ली. दूध में मिलाएं.
-इस मिश्रण को एक दिन के लिए ढककर रखें ताकि दूध जम जाए.
-तैयार छाछ को खाली पेट पिएं.
पाइल्स से बचाव और राहत
मिलिंद पोते के अनुसार, ये उपाय न केवल पाइल्स के लक्षणों को कम करते हैं, बल्कि बीमारी से निजात पाने में भी मदद कर सकते हैं. इसके साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं, समय पर खाएं और फाइबर युक्त भोजन करें. अगर लक्षण गंभीर हों, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 11:18 IST
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