सहारनपुर. साइबर ठगी के लिए अपराधी लगातार नए हथकंडे अपना रहे हैं. कभी शादी के नाम पर APK फाइल भेज कर, तो कभी किसी संबंधी को पुलिस हिरासत में बताकर, भोले-भाले मासूम लोगों को ठग रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सहारनपुर के थाना बिहारीगढ़ क्षेत्र के गांव शेरपुर खानाजादपुर से आया है, जहां गांव के ही निवासी गोपाल कंबोज से साइबर अपराधियों ने 50 हजार रुपये ठग लिए. आइए जानते हैं पूरा मामला.
ठगों ने पीड़ित परिवार को व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से कॉल किया और बताया कि उनका बेटा ड्रग्स मामले में 4 लड़कों के साथ गिरफ्तार हुआ है, अगर उसको बचाना चाहते हो तो 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो, वरना हम इसको जेल भेज देंगे. पीड़ित परिवार ने व्हाट्सएप पर पुलिसकर्मी की DP लगी देख विश्वास कर लिया और आनन-फानन में 50 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. बाद में पता चला कि ये सब उनके साथ फ्रॉड हुआ है और उनका लड़का सेफ है.
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वहीं पीड़ित की बेटी निधि ने कुछ समय पहले साइबर सेल में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन अभी तक पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके बाद पीड़ित परिवार उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर कारवाई की मांग कर रही है. पीड़ित की बेटी निधि ने बताया कि 20 सितम्बर के दिन मेरे पापा के पास सुबह व्हाट्सएप पर एक कॉल आती है और उसमें एक पुलिस वाले की फोटो लगी हुई थी, जिसमें नाम लिखा था इंस्पेक्टर विजय कुमार.
पापा से शख्स बोला- मैं इंस्पेक्टर हूं
पीड़ित की बेटी आगे बताती है कि पापा ने जब कॉल उठाया तो उसने बोला कि मैं इंस्पेक्टर विजय कुमार बोल रहा हूं, हमने ड्रग के केस में 4 लड़के पकड़े हैं, जिनमें एक आप का बेटा है. अगर आप इसे बचाना चाहते हैं तो 50 हजार रुपए भेज दीजिए नहीं तो हम इस पर कार्रवाई करेंगे. इतना कहने के बाद उसने हमारे भाई की आवाज भी सुनाई.
पैसे भेजने के बाद पता चला कि फर्जी इंस्पेक्टर का कॉल था
भाई लगातार बोल रहा था, ‘पापा मुझे बचा लो’ , यह सुन पापा काफी ज्यादा इमोशनल हो गए. जिसके बाद पापा ने भाई को बिना फोन किए आनन-फानन में 50 हजार रुपए भेज दिए. पैसे ट्रांसफर करने के बाद भाई से मेरी बात हुई और पता चला कि वो बिल्कुल ठीक है, जो कॉल पापा के पास आई है वह बिल्कुल फेक थी.
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FIRST PUBLISHED :
November 29, 2024, 19:04 IST