राम तिलक
अयोध्या: भगवान राम की नगरी अयोध्या में श्रीराम का तिलक उत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ. इस ऐतिहासिक आयोजन में नेपाल के जनकपुर क्षेत्र से मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और उनकी कैबिनेट के सदस्यों ने वधू पक्ष की रस्में निभाईं. साथ ही, जनकपुर के मेयर और वहां से आई 400 से अधिक श्रद्धालुओं ने इस सांस्कृतिक संबंध को और प्रगाढ़ किया.तिलक समारोह में भगवान रामलला को सोने-
चांदी के आभूषणों के साथ 501 अलग-अलग वस्तुएं समर्पित की गईं. जनकपुर धाम से आई महिलाओं ने तिलक उत्सव के गीत गाए, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ मानो त्रेता युग का नजारा कलयुग में जीवंत हो उठा हो.
नेपाल-भारत का सांस्कृतिक संबंध पुनर्जीवित
अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा, “नेपाल और भारत का सांस्कृतिक संबंध इस आयोजन के जरिए एक बार फिर से मजबूत हुआ है. भगवान रामलला के तिलक उत्सव ने त्रेता युग की स्मृतियों को ताजा कर दिया.”
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, जो तिलक समारोह में राजा दशरथ की भूमिका में नजर आए, ने बताया कि विवाह पंचमी पर जनकपुर और अयोध्या के मंदिरों में भव्य आयोजन होते हैं. इस परंपरा के तहत, भगवान राम की बारात 26 नवंबर को अयोध्या से जनकपुर के लिए रवाना होगी. 3 दिसंबर को बारात जनकपुर पहुंचेगी और 6 दिसंबर को विवाह संपन्न होगा. 9 दिसंबर को बारात अयोध्या वापस लौटेगी.
मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने निभाई जनक की भूमिका
वधू पक्ष की ओर से जनक की भूमिका निभाते हुए मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने कहा, “हमारा अयोध्या से संबंध प्राचीन है. भगवान राम हमारे दामाद हैं और उनकी पूजा करना हमारे लिए गर्व की बात है. पहली बार हमने भगवान राम का तिलक चढ़ाया है, और यह हमारे सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा.”
14 दिनों का भव्य आयोजन
भगवान राम के विवाह से जुड़े इस आयोजन में 14 दिनों तक विभिन्न रस्में और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. तिलक उत्सव से शुरू होकर बारात और विवाह तक, यह आयोजन भारत और नेपाल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है.
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FIRST PUBLISHED :
November 19, 2024, 16:00 IST