फलेगा अस्पतालों का धंधा, ब्रोकरेज ने बताए 4 नाम, कहा- माल बनाना है तो उठा लो

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नई दिल्ली. यह लिखना बिलकुल भी सुखद नहीं है कि अस्पतालों का धंधा फलेगा-फूलेगा. क्योंकि ऐसा कहने का एक मतलब यह भी है कि ज्यादा लोग बीमार होते रहेंगे. ज्यादा बूढ़े लोग अस्पताल में पहुंचेंगे और खराब लाइफस्टाइल लोगों को बीमार करेगा. ऐसे में अस्पतालों का कामकाज बढ़ेगा और कमाई भी. यह अनुमान लगाया है एक दिग्गज ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने. इस ब्रोकरेज ने 4 अस्पताल चेन के नाम भी बताएं हैं और खुद को इन पर बुलिश बताया है. इनके शेयरों में पैसा डालकर अच्छा-खासा मुनाफा कमाया जा सकता है.

ब्रोकरेज फर्म का नाम HSBC है. इस फर्म ने अपने नोट में चार प्रमुख अस्पतालों पर अपनी राय दी है. इसके मुताबिक, 2025 अस्पतालों के लिए बड़े विस्तार का साल हो सकता है. हालांकि, रेवेन्यू में वृद्धि के बावजूद EBITDA मार्जिन पर दबाव बना रह सकता है. इसने चार अस्पतालों के शेयरों पर खरीदारी की सिफारिश दी है. फर्म ने अपोलो हॉस्पिटल्स का टार्गेट प्राइस 8,220 रुपये तय किया है, जो 28 नवंबर के क्लोजिंग प्राइस से 20 फीसदी की संभावित बढ़ोतरी दर्शाता है. वहीं, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (KIMS) का टार्गेट प्राइस 670 रुपये तय किया है, जो कल के क्लोजिंग से 16 फीसदी अधिक है.

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अपोलो और KIMS के अलावा, रेनबो चिल्ड्रेन मेडिकेयर, और एस्टर डीएम हेल्थकेयर के लिए टार्गेट प्राइस क्रमश: 1,800 रुपये (यहां से 18 फीसदी अधिक) और 550 रुपये (वर्तमान से 12 फीसदी ऊपर) तय किया है.

ब्रोकरेज को क्यों लगता है ऐसा?
HSBC ने अपनी रिपोर्ट में अपोलो और KIMS के शेयरों को प्राथमिकता दी है. रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल क्षेत्र में बुजुर्ग लोगों की संख्या, लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों में वृद्धि और स्वास्थ्य बीमा कवरेज के बढ़ते दायरे के कारण संरचनात्मक विकास के मजबूत संकेत मिल रहे हैं.

ब्रोकरेज का कहना है कि बिस्तरों की संख्या में भारी वृद्धि होगी, लेकिन इसके बावजूद यह नहीं कहा जा सकता कि सप्लाई जरूरत से ज्यादा है. यहां तक कि शहरों की छोटी मार्केट्स में भी बेड्स की मांग बनी रहेगी और उसे पूरा करना भी मुश्किल होगा. ब्रोकरेज उन अस्पतालों को प्राथमिकता दे रहा है जो अपने मार्जिन पर अधिक प्रभाव डाले बिना क्षमता बढ़ा रहे हैं, और अपने ऑक्युपेंसी रेट, प्रति बिस्तर औसत रेवेन्यू (ARPOB) को बेहतर कर रहे हैं.

हर साल जुड़ेंगे लगभग 5 हजार बेड!
HSBC ने अपोलो 24/7 (अपोलो का डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म) के लिए पॉजिटिव व्यू रखा है. यहां तक कि अगर क्विक-कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन फार्मेसी में कदम रखती हैं, तो भी अपोलो पर इसका बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह पहले से ऑनलाइन दवाएं उपलब्ध करवा रहा है.

ब्रोकरेज फर्म ने अपने नोट में कहा है कि जिन 7 प्रमुख अस्पतालों को उन्होंने कवर किया है, वे अगले 3-5 वर्षों में 16,000 नए बेड्स लगाएंगे. यह संख्या FY19-24 में जोड़े गए 4,000 बेड्स से चार गुना अधिक है. साथ ही, अन्य निजी अस्पतालों को मिलाकर यह आंकड़ा 24,000 तक पहुंचने का अनुमान है.

पैसा लगाने से पहले समझें चुनौतियों
HSBC ने कहा है कि नए बेड्स लगाने से बढ़ने वाली लागत का प्रभाव EBITDA मार्जिन पर पड़ सकता है. FY25-27 में अस्पतालों के रेवेन्यू में 12-24 फीसदी तक की वृद्धि का अनुमान है, लेकिन EBITDA मार्जिन में 0-2 फीसदी की मामूली गिरावट भी आ सकती है.

(Disclaimer: यहां बताए गए स्‍टॉक्‍स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)

Tags: Investment tips, Money Making Tips, Share market, Stock market, Stock tips

FIRST PUBLISHED :

November 29, 2024, 16:06 IST

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