छतरपुर: बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाल ही में बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘जब तक हिंदू जात-पात की भावना छोड़कर एकता के सूत्र में नहीं बंधेंगे, तब तक हम खड़ाऊ पैरों में नहीं पहनेंगे’. उनका कहना है कि हम भारतीय आपस में जात-पात के नाम पर लड़ते रहते हैं, इसलिए बंटे हुए हैं. हमें अपनी जाति पर गर्व होता है, लेकिन हिंदू होने पर नहीं. इस भावना को बदलना होगा.
पं. धीरेंद्र शास्त्री छतरपुर से रामराजा सरकार मंदिर ओरछा तक पदयात्रा करने जा रहे हैं. 21 नवंबर को ये यात्रा शुरू होगी. पं. धीरेंद्र शास्त्री ने बताया, हिंदू सनातन एकता यात्रा 21 नवंबर से शुरू होगी. 165 किमी पैदल चलकर 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा सरकार के मंदिर पहुंचने पर इसका समापन होगा. कहा, ‘अब तो करो या मरो की बारी है, भारत पर संकट भारी है, इसलिए हिंदुओं को जगाने और एकजुट करने का संकल्प लेकर वह यात्रा कर रहे हैं.’
नहीं पहनेंगे खड़ाऊ…
छतरपुर में मीडिया से बात करते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, उनका संकल्प है कि जब तक हिंदू जात-पात की भावना छोड़कर एकता के सूत्र में नहीं बंधेंगे, तब तक वो खड़ाऊ पैरों में नहीं पहनेंगे. इतना ही नहीं, पैदल यात्रा के दौरान फूल-माला या स्वागत स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, जो संकल्प हमने लिया है, वह बहुत बड़ा है. जब तक हिंदुओं को जगा नहीं देंगे, रुकेंगे नहीं. क्योंकि, अगर अभी हिंदू नहीं जागा तो बांग्लादेश जैसा हाल होगा.
पदयात्रा के लिए नहीं देंगे पीले चावल
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, उनकी पदयात्रा में सभी धर्मों के लोग शामिल हो सकते हैं. फिर चाहे वो मुसलमान हो या ईसाई. क्योंकि, इस देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोग पहले हिंदू ही थे. इस दौरान उन्होंने ये भी कहा, वो पदयात्रा में शामिल होने के लिए किसी को पीले चावल नहीं देंगे, यह धर्मयुद्ध है, जो आ गए उनका वेलकम, नहीं आए तो भीड़ कम.
FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 14:37 IST