बाघों का कब्रगाह बना ये राज्य, एक साल में 38 बाघों की मौत, आखिर क्या है कारण?

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भारत सरकार वाइल्ड एनिमल्स की सुरक्षा के लिए कई कार्यक्रम चलाती है. कई एनिमल रिजर्व खोले गए हैं. यहां इनकी सुरक्षा के लिए कई इंतजाम किये जाते हैं. कोई इनका शिकार ना कर ले, इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है. इसकी वजह है इन जानवरों की संख्या में तेजी से कमी आना. कहीं ये जानवर विलुप्त ना हो जाए, इस वजह से सरकार सख्त कदम उठाती आ रही है. लेकिन इसके बाद भी समय-समय पर शिकार की खबरें सामने आ ही जाती है.

बात अगर मध्यप्रदेश की करें तो ये राज्य देखते ही देखते बाघों का कब्रगाह बनता जा रहा है. इस राज्य में एक साल के अंदर 38 बाघों की मौत हो गई है. इन मौतों में से ज्यादातर की वजह सामने नहीं आ पाई है. चिंता इस बात की है कि इन 38 बाघों की बॉडी मिली है लेकिन हो सकता है कि कई शिकार को शिकारी गायब करने में कामयाब हो गए होंगे. ऐसे में शायद शिकार किए गए बाघों की संख्या ज्यादा भी हो सकती है.

अब शावक भी नहीं सुरक्षित
पेंच टाइगर रिजर्व से अब चार महीने के शावक की मौत की खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि शावक की मौत भूख की वजह से हुई है. लेकिन असली वजह पोस्टमॉर्टम के बाद सामने आएगा. अभी शावक की बॉडी को पीएम के लिए भेज दिया गया है. इस खबर ने वाइल्डलाइफ अधिकारीयों के होश उड़ा दिए हैं. बताया जा रहा है कि रविवार को जंगल में गश्ती कर रहे टीम को शावक का शव मिला था.

बढ़ी है मौतों की संख्या
शावक के शव को जांच के लिए भेज दिया गया है. वहीं बात अगर एमपी में बाघों की मौत की करें तो पिछले एक साल में यहां 38 बाघों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बारह साल में ये राज्य 355 बाघों को खो चुका है. इन मौतों में से चालीस फीसदी से अधिक मौतें टाइगर रिजर्व से बाहर हुई है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि तमाम कोशिशों के बाद भी शिकारियों के लिए मध्यप्रदेश स्वर्ग बन चुका है, जहां बेख़ौफ़ होकर वो शिकार कर रहे हैं.

Tags: Khabre jara hatke, Shocking news, Tiger hunt, Tiger reserve, Tiger reserve news, Weird news

FIRST PUBLISHED :

November 19, 2024, 11:29 IST

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