Agency:Local18
Last Updated:February 11, 2025, 23:05 IST
Kele ki kheti: केले की खेती में सही दूरी, जैविक खाद और जीवामृत का उपयोग जरूरी है. अंतरफसल से मुनाफा बढ़ता है। फसल काटने से पहले पत्ते न काटें.
आज के समय में कई किसान पारंपरिक खेती से हटकर बागवानी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. चीकू, पपीता, अनार, जामुन, सीताफल और केला जैसी फसलें अब बड़े स्तर पर उगाई जा रही हैं. केले की खेती करने वाले किसानों के लिए यह जानना जरूरी है कि सही तकनीक अपनाकर ही वे अधिक उत्पादन और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि विशेषज्ञ चेतन माथुकिया ने केले की खेती को लेकर कुछ अहम सुझाव दिए हैं, जो किसानों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकते हैं.
केले की खेती की सही विधि
लोकल 18 से बातचीत में कृषि विशेषज्ञ चेतन माथुकिया ने बताया कि केले की खेती लाभकारी साबित हो सकती है, बशर्ते किसान इसे सही तरीके से करें. उन्होंने बताया कि दो पौधों के बीच उचित दूरी रखना जरूरी है. 8×4 फीट, 9×4.5 फीट, 8×8 फीट या 12×12 फीट की दूरी पर पौधों को लगाना चाहिए, जिससे उनकी वृद्धि में कोई बाधा न आए.
किसानों को कंद बोने से पहले उसे बीजामृत से उपचारित करना चाहिए. जिस गड्ढे में कंद लगाया जाए, उसमें दो मुट्ठी गोबर की खाद और घन जीवामृत का मिश्रण डालना जरूरी है. इसके बाद गड्ढे को मिट्टी से ढककर ऊपर से जीवामृत डालें. इससे पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं और उनकी बढ़वार अच्छी होती है.
अंतरफसल से होगा ज्यादा फायदा
केले की खेती में अंतरफसल के रूप में सहजन, मिर्च, प्याज, गेंदा और चोला जैसी फसलें लगाई जा सकती हैं. इससे किसान को अतिरिक्त आय होती है और मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है. केले के पौधों को हर रोज सिंचाई के पानी के साथ जीवामृत देना चाहिए, ताकि वे तेजी से विकसित हो सकें.
केले की फसल काटने से पहले रखें खास ध्यान
कृषि विशेषज्ञ चेतन माथुकिया के अनुसार, केले की फसल कटने से पहले किसी भी हरे या सूखे पत्ते को नहीं काटना चाहिए. ये पत्ते पौधों के लिए पोषक तत्वों का भंडार होते हैं और उन्हें स्वस्थ बनाए रखते हैं.
पौधों को लगाने के बाद पहले तीन महीने तक हर क्यारी में पानी देना जरूरी है. इसके बाद पौधों वाली क्यारी में पानी देना बंद कर देना चाहिए और सिर्फ बाकी क्यारियों में पानी देना चाहिए. हर बार पानी के साथ जीवामृत देने से फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार होता है.
केले के पौधों की देखभाल कैसे करें?
केले के पौधों में फूल आने तक जड़ों से निकलने वाले सभी अतिरिक्त अंकुरों को काटकर वहीं मल्चिंग के रूप में डाल देना चाहिए. जिस दिन फूल निकले, उस दिशा के विपरीत एक अंकुर छोड़कर बाकी सभी अंकुरों को हटा देना चाहिए. इससे पौधे का विकास सही ढंग से होता है और उपज बेहतर होती है.
First Published :
February 11, 2025, 23:05 IST
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