बिहार में NDA गठबंधन के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य में 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। बिहार में बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराया गया था। आपको बता दें कि अगले साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जाएगा। ऐसे में उपचुनाव में सभी सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों की जीत से राजद-कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है।
कहां कौन जीता?
- बेलागंज विधानसभा उपचुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) की मनोरमा देवी को 73334 वोट मिले। उन्होंने 21391 वोट से चुनाव जीता। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के विश्वनाथ कुमार सिंह रहे जिन्हें 51943 वोट मिले। वहीं, तीसरे नंबर पर जन सुराज पार्टी के मोहम्मद अमजद रहे जिन्हें 17285 वोट मिले।
- इमामगंज विधानसभा उपचुनाव में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) की दीपा कुमारी को 53435 वोट मिले और उन्होंने 5945 वोटों से चुनाव जीत लिया। दूसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के रौशन कुमार रहे जिन्हें 47490 वोट मिले। वहीं, तीसरे नंबर पर जन सुराज पार्टी के जीतेंद्र पासवान रहे जिन्हें 37103 वोट मिले।
- रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार सिंह ने 62257 वोट पाकर चुनाव जीत लिया। उन्होंने 1362 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। दूसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के सतीश कुमार सिंह यादव रहे जिन्हें 60895 वोट मिले। तीसरे नंबर पर राष्ट्रीय जनता दल के अजीत कुमार सिंह रहे जिन्हें 35825 वोट मिले। वहीं, चौथे नंबर पर जन सुराज पार्टी के सुशील कुमार सिंह रहे जिन्हें 6513 वोट मिले।
- तरारी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के विशाल प्रशांत ने जीत हासिल की। उन्हें 78755 वोट मिले और उन्होंने 10612 वोटों से जीत हासिल किया। दूसरे नंबर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन)ते राजू यादव रहे जिन्हें 68143 वोट मिले। तीसरे नंबर पर जन सुराज पार्टी की किरण सिंह रही जिन्हें 5622 वोट मिले।
13 नवंबर को हुआ था मतदान
बिहार की इन चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान कराए गए थे। इन विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उपचुनाव हुए हैं। चुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ राजग, विपक्षी महागठबंधन और नवगठित जन सुराज पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माने जा रहे थे। इस उपचुनाव को आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा था।