देव बीकानेर के छोटे से गांव सिंथल के रहने वाले है.
निखिल स्वामी/ बीकानेर: इतिहास जब भी असाधारण बौद्धिक प्रतिभाओं का उल्लेख करेगा, न्यूटन और आइंस्टाइन जैसे नामों के साथ बीकानेर के छोटे से गांव सिंथल के देव अरस्तु पंचारिया का नाम भी शामिल होगा. आधुनिक युग के “आइंस्टाइन” कहे जाने वाले देव ने अपनी गहन वैज्ञानिक खोजों, मौलिक विचारों और आकर्षक व्यक्तित्व से वैश्विक पहचान बनाई है.
वैज्ञानिक शोध और वैश्विक सम्मान
देव अरस्तु पंचारिया की नई किताब ‘Einstein and the Evolution of Quantum Physics: From a Light Beam to Deep Cosmos’ ने विज्ञान की जटिलताओं को आम जनमानस तक पहुंचाने में नई मिसाल कायम की है. किताब लॉन्च होने से पहले ही यह एक ‘ग्लोबल बेस्टसेलर’ बन चुकी है. इसमें उन्होंने भविष्य में होने वाली वैज्ञानिक क्रांतियों और क्वांटम फिजिक्स को सरलता से समझाने पर विशेष चर्चा की है.
देव को ब्रिटेन की प्रतिष्ठित रॉयल सोसाइटी से नामांकित किया गया है, जो स्टीफन हॉकिंग, रामानुजन और बेंजामिन फ्रैंकलिन जैसे वैज्ञानिकों को भी सम्मानित कर चुकी है. यह सम्मान कला, विज्ञान और वाणिज्य में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है.
क्वांटम कंप्यूटिंग में ऐतिहासिक उपलब्धि
देव की हालिया शोध Geometric Complexity of Quantum Turing Machine and Smooth Quantum Computability ने क्वांटम कंप्यूटिंग की एक प्रमुख समस्या का समाधान प्रस्तुत किया है. यह शोध अमेरिकी जर्नल Nonlinear Optics, Quantum Optics: Concepts successful Modern Optics में प्रकाशित हुई है. दशकों से वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझी इस समस्या को हल करने वाले देव की इस उपलब्धि को क्वांटम कंप्यूटर की क्षमताओं में विस्तार के रूप में देखा जा रहा है.
इस शोध का संपादन प्रसिद्ध वैज्ञानिक और वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. मार्क जॉर्ज क्यूजक ने किया. यह खोज तकनीकी विकास के अगले चरण में क्रांति ला सकती है.
अध्ययन और अनुसंधान का व्यापक दायरा
देव अरस्तु पंचारिया केवल क्वांटम फिजिक्स तक सीमित नहीं हैं. उनके अनुसंधान भौतिकी, गणित, क्वांटम ग्रेविटी, कॉस्मोलॉजी और रिलेटिविटी के साथ-साथ दर्शन और अर्थशास्त्र जैसे विषयों तक फैले हुए हैं.
जनता और युवाओं के प्रेरणास्त्रोत
देव न केवल एक वैज्ञानिक हैं बल्कि एक पब्लिक इंटेलेक्चुअल भी हैं. उनके व्याख्यान धर्म, राजनीति और विज्ञान जैसे जटिल विषयों पर गहरी समझ और संवाद के लिए प्रसिद्ध हैं. म्यूजिक और साहित्य में उनकी रुचि, विशेष रूप से हिंदी, उर्दू और फारसी साहित्य, उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व बनाती है. देश-विदेश में उनके व्याख्यान आकर्षण का केंद्र होते हैं और युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हैं.
बीकानेर का गौरव
देव की उपलब्धियां बीकानेर और पूरे राजस्थान के लिए गर्व का विषय हैं. उनका सफर यह दिखाता है कि छोटे गांवों से निकलकर भी वैश्विक स्तर पर बड़ा योगदान दिया जा सकता है. उनके कार्य न केवल विज्ञान बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत हैं.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 20:03 IST