महाराजगंज. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज निवासी के डॉ. परशुराम गुप्त ने एक अध्यापक और लेखक के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई है. वे अपनी अलग लेखन शैली और विषय के लिए जाने जाते हैं. परशुराम गुप्त ने अब तक 27 किताबों की रचना की है. इनमें से 24 का प्रकाशन भी हो चुका है और बांकी 3 पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया में हैं. डाॅ. गुप्त खासकर रक्षा से संबंधी पुस्तकों के लिए जाने जाते हैं. डॉ. गुप्त ने एक लंबे समय तक अध्यापन का काम किया है. अध्यापन के साथ-साथ लेखन का भी काम करते रहे हैं. बचपन से ही उनको लेखन में रुचि थी.
27 पुस्तकों का कर चुके हैं लेखन
एक लंबे समय तक अध्यापन और शोध कार्य कर चुके डॉ. परशुराम गुप्त ने अब तक 27 पुस्तकों का लेखन किया है, जिनमें ज्यादातर रक्षा से संबंधित हैं. इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भी शामिल किया चुका है. इनके द्वारा लिखित पुस्तकों में रक्षा और युद्ध से संबंधित जानकारी मिलती है. डॉ. परशुराम गुप्त ने लोकल 18 को बताया कि यहां के बच्चों में जागरूकता तो है. लेकिन, अंग्रेजी भाषा को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखती है. इस वजह से भी उन्होंने हिंदी भाषा में रक्षा और ऐतिहासिक पुस्तकों की रचना की, ताकि विद्यार्थियों और पाठकों को सुविधा हो सके.
रक्षा मंत्रालय से भी हो चुके हैं सम्मानित
डॉ. परशुराम गुप्त पुस्तक लेखन को लेकर सदैव चर्चा में रहते हैं. उनकी पुस्तकों में रक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी रहती है. रक्षा के साथ-साथ अन्य दूसरे ऐतिहासिक व्यक्तित्व और मुद्दों पर भी लेखन किया है, जो ऐतिहासिक रूप से काफी उपेक्षित रहा है. अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर सम्मानित किया जा चुका है. साथ ही भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है. डॉ. परशुराम गुप्त एक अध्यापक और लेखक के साथ-साथ बहुत ही बेहतरीन पेंटर भी है. हालांकि इनके पेंटिंग के बारे ज्यादा लोगों जानकारी नहीं है. अब तक 50 से भी ज्यादा पेंटिंग्स बनाए हैं, जिनमें खासकर ऑयल पेंटिंग शामिल है. ललित कला अकादमी गोरखपुर की क्षेत्रीय कला प्रदर्शनी में इनके द्वारा बनाई गई रविंद्र नाथ टैगोर के पेंटिंग को भी जगह मिल चुकी है.
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FIRST PUBLISHED :
September 27, 2024, 09:45 IST