भाई-बहन ने बिना मिट्टी-पानी उगाई महंगी केसर, बनाए आत्मनिर्भरता की मिसाल

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300 क्वायर फीट चेंबर में कर ली कश्मीर के केसर की खेती

हेमंत लालवानी/ जोधपुर: अगर इरादे मजबूत हों तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है. राजस्थान के जोधपुर के अक्षत शर्मा और मौली शर्मा ने यह साबित कर दिया है. उन्होंने परंपरागत खेती से हटकर एयरोपोनिक तकनीक के जरिए बिना मिट्टी और पानी के अमेरिकन केसर उगाने का अनोखा प्रयोग किया. इस नवाचार के जरिए 5.5 लाख रुपए प्रति किलो बिकने वाली केसर का उत्पादन किया जा रहा है.

300 स्क्वायर फीट में उगाई केसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्टार्टअप योजना से प्रेरित होकर इन भाई-बहन ने जोधपुर में महज 300 स्क्वायर फीट के चेंबर में केसर उगाई. तापमान नियंत्रित रखने के लिए चिलर, आर्द्रता बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर, और प्रकाश के लिए ग्रो लाइट्स का उपयोग किया गया. वैदिक मंत्रों और ॐ की ध्वनि तरंगों के बीच उगाई गई इस केसर ने उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई.

ऑनलाइन ट्रेनिंग और वैश्विक अनुभव का लाभ
अक्षत शर्मा ने ईरान के वैज्ञानिकों से ऑनलाइन ट्रेनिंग लेकर यह तकनीक सीखी. ईरान दुनिया में सबसे ज्यादा केसर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.
– इस प्रक्रिया में कश्मीर से बीज मंगाकर चेंबर में एयरोपोनिक तकनीक से उत्पादन शुरू किया गया.
– यह तकनीक मिट्टी और पानी के बिना केसर उगाने में सक्षम है.

कम बजट में केसर उगाने की तकनीक
300 स्क्वायर फीट में केसर उगाने की यह तकनीक हर किसी के लिए आसान और किफायती हो सकती है.
– घर में खाली कमरे का उपयोग कर इस तकनीक से केसर उगाई जा सकती है.
– अगस्त में बीज लगाए जाते हैं और नवंबर तक केसर तैयार हो जाती है.

भारत को आयातक से निर्यातक बनाने का सपना
मौली शर्मा ने बताया कि उनका उद्देश्य स्थानीय किसानों, बेरोजगारों और महिलाओं को इस तकनीक में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना है.
– इसके लिए जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर और सिरोही के किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी.
– भारत को केसर के आयातक से निर्यातक देश बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

नवाचार के फायदे
1. 100% जैविक उत्पादन – कीटनाशकों का उपयोग नहीं.
2. कम क्षेत्रफल में अधिक उत्पादन.
3. बाहरी वातावरण का कोई प्रभाव नहीं.

कोविड के दौरान आया नवाचार का विचा
अक्षत शर्मा ने पहले वोल्टास कंपनी के साथ काम किया और पश्चिमी राजस्थान में सर्विस सेंटर का संचालन किया. कोविड-19 के दौरान यह काम ठप हो गया. इसके बाद उन्होंने खेती के नए विचारों पर काम शुरू किया.

केसर उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर भारत
वर्तमान में भारत 92% केसर का आयात ईरान से करता है. अक्षत और मौली शर्मा का यह प्रयास राजस्थान में केसर की खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है. अक्षत और मौली शर्मा कहते हैं हमारा सपना है कि हर घर में केसर की खेती हो और राजस्थान इस क्षेत्र में अग्रणी बने.

Tags: Local18, Pali news, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

November 18, 2024, 07:20 IST

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