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Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत से पहले पड़ोसी देश भूटान में शुरू हो गई है। एलन मस्क की कंपनी जल्द भारत में भी अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू कर सकती है। दूरसंचार नियामक की तरफ से स्पेक्ट्रम अलोकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी भारत में भी अपनी सेवाएं शुरू कर देगी। स्टारलिंक ने अपने आधिकारिक X हैंडल से इसकी घोषणा की है। भूटान में स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वहां पहाड़ी क्षेत्र ज्यादा है। ऐसे में टैरेस्टियल नेटवर्क के जरिए मोबाइल और इंटरनेट सर्विस पहुंचाना काफी खर्चीला और जोखिम भरा है।
कितनी है कीमत?
स्टारलिंक की वेबसाइट के मुताबिक, भूटान के सूचना विभाग ने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की कीमत तय की है। यहां रेसिडेंशियल लाइट प्लान की कीमत Nu 3,000 यानी लगभग 3,100 रुपये प्रति महीने से शुरू होती है, जिसमें यूजर्स को 23 bps से लेकर 100 bps की स्पीड से इंटरनेट मुहैया कराई जाएगी।
वहीं, स्टैंडर्ड रेसिडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को हर महीने Nu 4,200 यानी लगभग 4,300 रुपये खर्च करने होंगे। इसमें यूजर्स को 25 bps से लेकर 110 bps की स्पीड से इंटरनेट सर्विस मिलेगी। एलन मस्क के सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की कीमत वहां के लोकल टेलीकॉम ऑपरेटर्स के मुकाबले काफी ज्यादा है।
कैसे मिलेगी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस?
स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस कंपनी के SpaceX के जरिए मिलती है। इसके लिए ग्राउंड टर्मिनल लगाए जाते हैं, जिसके जरिए घरों तक इंटरनेट पहुंचाई जाती है। स्टारलिंक अपने सैटेलाइट इंटरनेट को लोगों के घरों में पहुंचाने के लिए ग्राउंड टर्मिनल या रिसीवर लगाता है। सैटेलाइट से इंटरनेट की बीम इस टर्मिनल पर आती है और इससे लगे वायर के जरिए घरों में पहुंचाई जाती है। इसका मतलब है कि भूटान के लोग किसी पहाड़ी एरिया में भी स्टारलिंक का ग्राउंट रिसीव लगाकर सुपरफास्ट इंटरनेट सर्विस को एक्सेस कर पाएंगे।
स्टारलिंक
भारत में कब होगा लॉन्च?
Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस अगले कुछ महीनों में भारत में भी शुरू हो सकती है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण जल्द इसके लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। स्पेक्ट्रम अलोकेशन पूरा होने के बाद Starlink को भारत में सर्विस शुरू करने की अनुमति मिल जाएगी।
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