भीलवाड़ा में मक्के की फसल
रवि पायक/ भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का मक्का न केवल देशभर में बल्कि खाड़ी देशों में भी अपनी खास पहचान बना रहा है. यहां की कृषि उपज मंडी में मक्के की बंपर आवक हो रही है. रोजाना करीब 8 से 10 हजार बोरी मक्का मंडी में पहुंच रही है, जिससे किसानों और व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं.
मौसम ने बढ़ाई फसल की आवक
महात्मा ज्योतिबा फुले कृषि उपज मंडी के व्यापार संघ अध्यक्ष मुरली ईनाणी ने बताया कि इस बार मौसम ने पूरी तरह से साथ दिया, जिससे फसल की आवक और गुणवत्ता दोनों बेहतर हुई. मंडी में मक्का की कीमत 2100 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रही है, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर है. इससे किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है और उनके चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है.
खाड़ी देशों में भीलवाड़ा के मक्के की खास पहचान
मंडी व्यापारी मुरली ईनाणी ने बताया कि भीलवाड़ा का मक्का न केवल राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, बिहार और गुजरात में पसंद किया जा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी मांग बढ़ी है. ईरान, इराक और कुवैत जैसे खाड़ी देश भीलवाड़ा के मक्के को प्राथमिकता दे रहे हैं.
स्टार्च फैक्ट्री और एथेनॉल प्लांट में उपयोग
भीलवाड़ा का मक्का स्टार्च फैक्ट्री और एथेनॉल प्लांट में भी बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है. इसके अलावा मुर्गी पालन, सूअर पालन और बकरा पालन में भी इसकी मांग बढ़ रही है. यह मक्का अपनी उच्च गुणवत्ता और पोषण तत्वों के कारण व्यापारियों और किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है.
किसानों को फायदा, बाजार में उत्साह
मंडियों में बढ़ती आवक और बेहतर कीमतों से किसान काफी खुश हैं. मुरली ईनाणी ने कहा कि इस बार की फसल ने किसानों को अच्छी आमदनी का मौका दिया है. व्यापारियों का मानना है कि भीलवाड़ा का मक्का देश और विदेश में अपनी अलग पहचान बना रहा है और आने वाले समय में इसकी मांग और भी बढ़ेगी. भीलवाड़ा का मक्का न केवल एक कृषि उत्पाद है, बल्कि यह क्षेत्र की पहचान बनता जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 17:53 IST