सिरोही: जिले के पिंडवाड़ा स्थित माधव यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शेखर परमार को भारत से प्रतिनिधि के रूप में यूरोपीय देशों, विशेष रूप से बेल्जियम में, नियुक्त किया गया है. शेखर परमार अब यूरोपीय देशों में कृषि नीतियों, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्य करेंगे.
यह जिम्मेदारी उन्हें कृषि और संबंधित विज्ञान में छात्रों का अंतर्राष्ट्रीय संघ (IAAS) के तहत दी गई है, जिसका मुख्यालय बेल्जियम के ल्यूवेन में स्थित है. IAAS दुनिया के 50 से अधिक देशों के विश्वविद्यालयों के साथ कार्य करता है.
शेखर परमार की उपलब्धि पर यूनिवर्सिटी को गर्व
यूनिवर्सिटी के चेयरमैन प्रो. डॉ. राजकुमार ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि शेखर परमार जैसे छात्र देश-विदेश में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि IAAS का उद्देश्य विभिन्न देशों के छात्रों में ज्ञान, सूचना और विचारों का आदान-प्रदान करना और अलग-अलग संस्कृतियों के बीच आपसी समझ को बेहतर बनाना है.
क्या है आईएएएस
कृषि और संबंधित विज्ञान में छात्रों का अंतर्राष्ट्रीय संघ ( IAAS ) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी और गैर-सरकारी छात्र सोसायटी है. जिसका मुख्यालय बेल्जियम के ल्यूवेन में है. इसकी स्थापना 1957 में ट्यूनीशिया में 8 देशों द्वारा की गई थी. वर्तमान में यह दुनिया के सबसे बड़े छात्र संगठनों में से एक है और कृषि छात्र संघों में अग्रणी है IAAS कृषि और पर्यावरण विज्ञान, वानिकी, खाद्य विज्ञान, परिदृश्य वास्तुकला आदि में अध्ययन, प्रमुखता या शोध करने वाले छात्रों को इकट्ठा करता है. इसकी समितियां दुनिया भर के 55 से अधिक देशों के विश्वविद्यालयों में फैली हुई हैं.
छात्रों के लिए प्रेरणा
माधव यूनिवर्सिटी प्रबंधन का मानना है कि शेखर परमार की उपलब्धि न केवल कृषि क्षेत्र के छात्रों बल्कि जिले के अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी. यूरोपीय कृषि नीतियों और तकनीकों का ज्ञान भारतीय परिदृश्य में नई संभावनाओं को जन्म देगा और क्षेत्र के विकास में योगदान देगा. यह उपलब्धि सिरोही और माधव यूनिवर्सिटी दोनों के लिए गर्व का विषय है. शेखर परमार का चयन भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 18, 2024, 17:38 IST