मंदिर जाकर फिर करूंगी जलाभिषेक... जीत के बाद नसीम सोलंकी का ऐलान

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सपा विधायक नसीम

कानपुर: सीसामऊ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) की प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने जीत दर्ज की. ये सीट सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई थी. नसीम सोलंकी ने जीत के बाद जनता का आभार जताते हुए कहा कि यह उनकी और उनके परिवार की मेहनत और जनता के आशीर्वाद का नतीजा है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि अब क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिकता होगी.

नसीम सोलंकी ने कहा कि पिछले दो साल में उनके पति और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के जेल में रहने के कारण क्षेत्र में विकास कार्य रुक गए थे. अब वह जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत करेंगी और क्षेत्र में अधूरे पड़े विकास कार्यों को पूरा करेंगी.

फिर पूजा करूंगी…
चुनाव प्रचार के दौरान नसीम सोलंकी ने दीपावली के मौके पर वनखंडेश्वर मंदिर में जलाभिषेक और दीप जलाए थे. इस कदम ने देशभर में राजनीतिक बहस छेड़ दी. भाजपा नेताओं ने इसे हिंदू वोटों को साधने का प्रयास बताया. हालांकि, चुनाव नतीजों में सपा को हिंदू बहुल क्षेत्रों से भी पर्याप्त समर्थन मिला. जीत के बाद, जब उनसे मंदिर में पूजा को लेकर सवाल किया गया, तो नसीम ने कहा, “मुझे सबका आशीर्वाद मिला है. मैं फिर से मंदिर जाऊंगी और वहां पूजा करूंगी.”

परिवार की विरासत और सिंपैथी फैक्टर
नसीम ने अपनी जीत का श्रेय अपने परिवार की लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक विरासत को दिया. उन्होंने कहा, “यह जीत मेरे परिवार के प्रति जनता के भरोसे और हमारे द्वारा किए गए कार्यों का नतीजा है.” उन्होंने यह भी बताया कि जीत के अगले दिन वह अपने पति इरफान सोलंकी से मुलाकात करेंगी.इरफान सोलंकी के जेल जाने और उनकी सीट खाली होने के बाद सपा ने नसीम को मैदान में उतारा था. जनता ने एक बार फिर सोलंकी परिवार पर भरोसा जताते हुए नसीम को विधायक चुना.

कैसे हारी बीजेपी
भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी ने हार का कारण हिंदू वोटों का बंटवारा बताया. उन्होंने कहा, “अगर हिंदू वोट एकजुट रहते, तो भाजपा यह सीट जीत सकती थी.” भाजपा के लिए यह हार इसलिए भी चुभने वाली रही क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां कई बार प्रचार किया था. बावजूद इसके, सपा ने न केवल मुस्लिम क्षेत्रों में, बल्कि हिंदू बहुल इलाकों में भी अच्छा प्रदर्शन किया.

सोलंकी परिवार का प्रभाव बरकरार
सीसामऊ सीट पर सपा की 28 साल की विरासत कायम रही. यह जीत न केवल नसीम सोलंकी की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाती है कि सोलंकी परिवार का प्रभाव अब भी क्षेत्र की जनता के दिलों पर बना हुआ है. नसीम ने कहा कि वह अपने पति और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी के अधूरे कार्यों को पूरा करेंगी और क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए पूरी लगन से काम करेंगी. उनकी इस जीत ने सपा को मजबूती प्रदान की है और भाजपा के लिए एक बड़ा सबक भी छोड़ दिया है.

Tags: Assembly by election, Local18

FIRST PUBLISHED :

November 23, 2024, 18:37 IST

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